नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने ओल्ड बारापुला पुल के पास मद्रासी कैंप के निवासियों को हटाने की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार और डीडीए को नोटिस जारी किया है. याचिका जंगपुरा में जेजे क्लस्टर मद्रासी कैंप के निवासियों ने दायर की थी. मद्रासी कैंप के निवासियों की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें 12 सितंबर को हटाने का नोटिस भेजा गया है.
सुनवाई के दौरान डीडीए की ओर से पेश वकील प्रभसहाय कौर ने कहा कि बारापुला नाले पर मद्रासी कैंप का स्थान जल प्रवाह में बाधा डालता है. तब कोर्ट ने कहा कि ये पता लगाने की जरूरत है कि क्या मद्रास कैंप पानी के प्रवाह को बाधित कर रहा है या नहीं. कोर्ट ने आगे कहा कि अगर मद्रासी कैंप जल प्रवाह को बाधित कर रहा है तो निश्चित रूप से इसे जाना चाहिए, क्योंकि शहर में अनावश्यक रूप से बाढ़ आ रही है. ऐसे में शहर को बार-बार बाढ़ की अनुमति नहीं दे सकते हैं.
हालांकि, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मद्रासी कैंप के निवासियों के पुनर्वास और उनके अधिकारों के संरक्षण का भरोसा दिया. कोर्ट ने कहा कि हम ये सुनिश्चित करेंगे कि मद्रासी कैंप के निवासियों को वैकल्पिक भूमि पर शिफ्ट किया जाए. हम अधिकारियों से आपके पुनर्वास के लिए कहेंगे. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग और डीडीए के अधिकारियों को दस दिनों के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
पीडब्ल्यूडी के नोटिस पर आतिशी ने लिया संज्ञान: पीडब्ल्यूडी ने 5 सितंबर को नोटिस जारी किया था और पांच दिनों के भीतर जगह को खाली करने के निर्देश दिए थे. अब इस नोटिस पर मंत्री आतिशी ने संज्ञान लिया. आतिशी को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें उन्हें अवगत कराया था कि बारापूला नाला के मद्रासी कैंप झुग्गी बस्ती को डिमोलिश करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने नोटिस जारी किया है. इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए आतिशी ने पीडब्ल्यूडी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और स्पेशल सेक्रेटरी समेत अन्य को एक नोट जारी कर कहा कि उनके संज्ञान में मद्रासी कैंप जेजे कलस्टर को तोड़े जाने का मामला आया है. यह नोटिस पीडब्ल्यूडी की तरफ से जारी किया गया है. जबकि इस विभाग को इससे कोई लेना देना नहीं है. मंत्री ने कहा कि इस नोटिस में कई खामियां हैं.
आतिशी ने कहा कि मद्रासी कैंप जेजे कलक्टर दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (ड्यूसिब) के जेजे क्लस्टर की लिस्ट में नोटिफाई है. इसलिए डिमोलिशन करने से पहले इस बस्ती में रहने वालों को यहां से रिहैबिलेट किया जाना चाहिए. ड्यूसिब नियमों के तहत इन लिस्टेड बस्ती में रहने वाले लोगों को हटाने या उनसे जगह खाली कराने से पहले उनका दूसरी जगह पुनर्वास किया जाना जरूरी है, यह उनका अधिकार है.
मद्रासी कैंप में एक भी झुग्गी टूटने नहीं देगी 'आप':दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को मद्रासी कैंप का दौरा भी किया. उन्होंने भाजपा के एलजी की ओर से सैकड़ों झुग्गियां तोड़ने के लिए भिजवाए गए नोटिस से पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें मदद का भरोसा दिया. सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी उनके साथ खड़ी है. दिल्ली में जब तक 'आप' की सरकार है, तब तक किसी को भी बेघर नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि भाजपा पहले अपने एलजी से कहकर अफसरों को डराती-धमकाती है और फिर नोटिस दिलवाती है. यहां 50-60 साल से हजारों लोग रह रहे हैं. बिना पुनर्वास किए इन्हें विस्थापित नहीं किया जा सकता. आम आदमी पार्टी इनके घरों को बचाने के लिए तानाशाही के खिलाफ सड़क से लेकर कोर्ट तक मजबूती से लड़ेगी.