नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में ये सुनवाई की गई, इस दौरान ईडी ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए एक और हफ्ते के समय की मांग की थी. इस मांग पर सिसौदिया के वकील ने आपत्ति जताई, उन्होंने कहा कि ''वे डेढ़ साल से अधिक समय से इसकी जांच कर रहे हैं. जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी को 4 दिन का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होनी है.
दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ
सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कहा कि 'हमें जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय चाहिए. जांच अधिकारी व्यस्त हैं. आईओ पूरी जांच में लगे हुए हैं. अभियोजन शिकायत में व्यस्त है. हम सुप्रीमकोर्ट के समक्ष एक अन्य सह-अभियुक्त के मामले से भी निपट रहे हैं. हमें एक सप्ताह का समय दीजिए” मनीष सिसौदिया के वकील ने समय मांगे जाने के अनुरोध पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि ''वे डेढ़ साल से अधिक समय से इसकी जांच कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के सामने उन्होंने कहा था कि हम 6 महीने के अंदर ट्रायल खत्म कर देंगे. ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका को कई बार स्थगित भी किया गया था.
जिस पर कोर्ट ने 4 दिन का ही समय दिया है और मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 मई की तारीख मुकर्रर की है.
बता दें कि कोर्ट ने 3 मई को ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी किया था, हाईकोर्ट ने सिसोदिया को अपनी पत्नी से हफ्ते में एक बार मिलने की अनुमति का ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रखने का आदेश दिया था. बता दें कि 30 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज केस में सिसोदिया की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. इसी आदेश को सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि प्रॉफिट मार्जिन को सात फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने को सही ठहराने को लेकर कोई बैठक या चर्चा नहीं की गई. ये नीति कुछ थोक विक्रेताओं के पक्ष में थी.
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सिसोदिया के वकील सिर्फ ट्रायल में देरी को लेकर जमानत के लिए दबाव बना रहे हैं. उसके लिए उनको हलफनामा दाखिल करना चाहिए, क्योंकि इस मामले मे बड़ी संख्या में अलग-अलग अर्जियां दाखिल की गई थीं. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि मुकदमा धीमी गति से चल रहा है. ईडी ने कहा कि ''प्रॉफिट मार्जिन को सात फीसदी बढ़ाकर 12 फीसदी करने को सही ठहराने को लेकर कोई बैठक या चर्चा नहीं हुई. इनका तर्क है कि पहले भी बैठक और चर्चा नहीं हुई थी अब भी नहीं है इसलिए हमने भी ऐसा किया है. तीन दिनों के भीतर, बिना किसी बैठक या चर्चा के 12 प्रतिशत का प्रॉफिट मार्जिन पेश किया गया. ''