नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी सरकार किसी वर्ग को भी नाराज नहीं करना चाहती. सोमवार को मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले हजारों कंडक्टर और ड्राइवर की लंबित मांगें मान लेने की जानकारी दी. दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि में 4,564 ड्राइवर 17,850 कंडक्टर कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं. इनकी कई मांगें थी. कुछ दिन पहले वे स्ट्राइक पर भी गए थे.
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, उनसे लंबी बात हुई, जिसमें उन्होंने अपनी कई मांगें हमारे सामने रखीं थी. इनमें कईं बहुत जायज मांगे थी. हमारे भरोसे पर उन्होंने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी है. उनकी कई मांगें मान ली गई हैं. दिल्ली की सरोजिनी नगर में एकमात्र पिंक डिपो होने से महिला कर्मचारियों ने ही ऐतराज जताया था कि उन्हें वहां काम करने के लिए बहुत दूर-दूर से आना पड़ता है, इसलिए पहले वे घर के पास ही जिस डिपो में काम करती थी, वहां ही उनकी सेवा बहाल की जाए. उनकी यह मांग मानते हुए इसके आदेश दे दिए गए. 20 नवंबर को ही आदेश निकालकर सरोजिनी नगर के पिंक बस डिपो से ओरिजनल डिपो पर महिलाओं का ट्रांसफर कर दिया गया है.
कर्मचारियों की बढ़ाई सैलरी: मुख्यमंत्री आतिशी ने डीटीसी कर्मचारियों के वेतन से जुड़ी विसंगतियों को लेकर कहा कि अभी 843 रुपए प्रतिदिन डेली वेजेस के हिसाब से मिलता है. इस हिसाब से उन्हें 21,918 रुपए प्रतिमाह मिलता है. पर इसमें उन्हें डीए, ग्रेड पे के साथ अलाउंस नहीं मिलता है. उन्होंने बताया कि आज ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के नाते इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है कि कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को अन्य भत्ते भी मिलें. उन्हें ग्रेड पे अनुसार सैलरी मिलेगी. अब कंडक्टर को 29,250 और ड्राइवर को 32,918 रुपए तनख्वाह दी जाएगी. इसका पूरा खर्चा 222 करोड़ आएगा, जिसका वहन दिल्ली सरकार करेगी. साथ ही डीटीसी में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वालों को पक्का करने पर भी विचार किया जा रहा है.