नई दिल्ली:दिल्लीविधानसभा सत्र का कल यानि बुधवार का दिन खास होने जा रहा है. दिल्ली में पूर्ण बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार आई आम आदमी पार्टी सरकार के अधिकांश विधायक सदन में मौजूद होंगे. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के निर्देश पर बुधवार को कार्यवाही के दौरान लंच के समय सभी विधायकों का ग्रुप फ़ोटो होगा, ताकि उन यादों को संजोया जा सके.
'दिल्ली सरकार ने विधानसभा का बनाया मजाक' : विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा को मजाक बनाकर रख दिया है. बिना तैयारी के सरकार ने विधानसभा का सत्र बुला लिया और उसमें किसी भी जनहित के मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई. तीन दिन के सत्र की घोषणा के बावजूद 29 नवंबर को सत्र के पहले दिन कार्यवाही को चंद घंटों में ही समेट दिया गया और एक दिन चली कार्यवाही में सिर्फ केंद्र सरकार की आलोचना को ही कार्यवाही का हिस्सा बना दिया गया. विधानसभा के अंतिम सत्र में प्रश्नकाल, अल्पकालिक चर्चा और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव कार्यवाही में शामिल नहीं किया गया.
घोषणा के बावजूद 1 और 2 दिसंबर को सत्र का आयोजन नहीं :विधानसभा सत्र बुलाने का जब निर्णय हुआ था तब सरकार ने बुलेटिन जारी कर कहा था कि विधानसभा का यह अंतिम सत्र तीन दिन यानी 29 नवंबर, 1 दिसंबर और 2 दिसंबर तक चलेगा, लेकिन अचानक 29 नवंबर की शाम 4 बजे ही सदन को स्थगित कर दिया गया. न तो प्रश्नकाल रखा गया, न ही अल्पकालिक चर्चा और ध्यानाकर्षण का प्रावधान किया गया. विपक्ष का कहना है कि बड़ी हैरानी की बात है कि घोषणा के बावजूद सरकार ने एक और 2 दिसंबर को सत्र का आयोजन ही नहीं किया. सरकार ने संशोधित बजट अनुमान को गृह मंत्रालय से मंजूरी लेने के लिए गृह मंत्रालय को भेजा हुआ है, जिसके चलते ही 2 दिसंबर को सत्र नहीं बुलाया गया.
कैग की पेंडिंग रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत नहीं किया जा रहा :विजेंद्र गुप्ता ने सवाल किया कि यदि सरकार को ‘संशोधित बजट अनुमान’ मंजूर करवाना था तो इससे पहले ही गृह मंत्रालय को भेजा जाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया और बिना तैयारी के ही औपचारिकता पूरी करने के लिए सत्र बुला लिया गया. विपक्ष की मांग के बावजूद सरकार कैग की पेंडिंग 14 रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत नहीं कर रही है. जनता के पैसे को खर्च किये जाने का ब्यौरा सरकार सार्वजनिक नहीं करना चाहती है. सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री जनहित के मुद्दों पर चर्चा करवाने को तैयार नहीं होते हैं. केंद्र सरकार को घोषणा और विधानसभा को पार्टी की गतिविधियों का अड्डा बनाना ही आम आदमी पार्टी का एकमात्र लक्ष्य रह गया है.
भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता ही 'आप' की उपलब्धि :उन्होंने कहा इसे लोकतंत्र की विडम्बना ही कहा जाएगा कि आम आदमी पार्टी के इस 10 साल के शासन को भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के लिए राजनीति के इतिहास में जाना जाएगा. विपक्ष सदन में केजरीवाल के शीश महल पर चर्चा करना चाहता है तो उसे मार्शलों द्वारा सदन से बाहर करवा दिया जाता है. विपक्ष के सवालों से बचने के लिए 280 के अंतर्गत सवाल पूछने का प्रावधान ही खत्म कर दिया गया. अब इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है और आने वाले विधानसभा चुनाव में चंद दिन ही बाकी हैं.