नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग की तारीख नजदीक आने के साथ ही योजनाओं की झड़ी लग गई है. आम आदमी पार्टी, भाजपा व कांग्रेस अलग-अलग वर्ग के लिए कई घोषणाएं की है. सभी पार्टी दिल्ली चुनाव में महिला वोटर को अपने पक्ष में करने में जुटी हुई है. चाहे मुफ्त बिजली हो, पानी हो, महिला सम्मान राशि हो या महिला समृद्धि योजना या फिर कांग्रेस की प्यारी दीदी योजना, पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में लगातार दो बार काबिज आम आदमी पार्टी सरकार महिलाओं को अपने पक्ष में करने के लिए सबसे आगे है. ताकि वह पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली में सरकार बना सके. लेकिन 70 विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी और भाजपा ने 9-9 महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने भी 70 में से सिर्फ 8 सीटों पर महिला प्रत्याशी को टिकट दिया है.
अभी तक हुए चुनाव में अधिकतम 9 महिला ही निर्वाचित होकर पहुंची हैं विधानसभा:आम आदमी पार्टी ने जिन 9 विधानसभा सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है, इनमें 6 मौजूदा महिला विधायक हैं. सिर्फ तीन चेहरे को पार्टी ने टिकट दिया है. राजनीतिक विश्लेषक अजय पांडेय बताते हैं कि वर्ष 1993 से 2020 तक दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटों में से महिला विधायकों की संख्या अधिकतम 9 से ज्यादा कभी नहीं रही है. हर चुनाव की तरह इस विधानसभा चुनाव में भी महिला मतदाताओं का समर्थन तो हर राजनीतिक दल चाहती है, लेकिन उनकी भागीदारी अधिक करने में वह आगे नहीं आ पाती. इस बार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस व भाजपा को मिलाकर कुल 26 महिला प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में है. अन्य राजनीतिक दल व निर्दलीय महिला प्रत्याशियों की संख्या 70 है.
सात विधानसभा चुनाव में तीन बार बनीं महिला मुख्यमंत्री:वर्ष 1993 से 2020 तक दिल्ली विधानसभा के सात चुनाव हुए हैं. इस दौरान दिल्ली को आठ मुख्यमंत्री मिले, जिनमें से तीन महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली की सत्ता को चलाई हैं. वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में सर्वाधिक 9 महिला प्रत्याशी विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंची थी. अभी तक पुरुष विधायकों का प्रतिनिधित्व 61 व उससे अधिक रहा है. वर्ष 1993 में तीन महिलाएं निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थी. उसके बाद वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में 9 महिलाएं विधानसभा पहुंची, उसके बाद वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में 7 महिला निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थी. वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में फिर यह संख्या सात से घटकर तीन पर आ गई और दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी के एंट्री के बाद हुए पहले चुनाव में वर्ष 2013 में तीन महिला विधायक चुनी गई थी. उसके बाद वर्ष 2015 में 6 और वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में 8 महिला विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थी. दिल्ली में हुए अब तक सात विधानसभा चुनाव में कुल 34 महिलाएं ही विधायक बनी हैं.