नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण में भी इजाफा होने लगा है. रविवार को दिल्ली एनसीआर में हुई बारिश के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हुआ था, लेकिन एक बार फिर एयर क्वालिटी इंडेक्स में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. दिल्ली एनसीआर में सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली है.
फिलहाल दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स ऑरेंज जोन में बना हुआ है. हालांकि दिल्ली के कई इलाके ऐसे भी हैं जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 का आंकड़ा पार कर चुका है. दिल्ली में करीब 6 इलाके ऐसे हैं जहां प्रदूषण रेड ज़ोन में दर्ज किया गया है. बीते तीन दिनों से लगातार दिल्ली के एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा दर्ज किया जा रहा है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का आंकड़ा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के 38 इलाकों में से 6 इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन में है. जबकि बाकी सभी इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स ऑरेंज ज़ोन में है. कई इलाके ऐसे भी हैं जहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के बेहद करीब पहुंच गया है. प्रदूषण में हो रही बढ़ोतरी के पीछे हवा की सुस्त होती रफ्तार को बताया जा रहा है. बुधवार और गुरुवार की तुलना में दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स करीब 50 अंक ऊपर चढ़ा है.
कहां कितना रहा AQI अंक (ETV Bharat)
कहां कितना रहा AQI अंक (ETV Bharat)
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता का स्तर पंजाबी बाग में 274, रोहिणी में 282 और आरके पुरम में 289 दर्ज किया गया. मेजर ध्यानचंद स्टेशन जैसे अन्य क्षेत्रों में AQI 245 दर्ज किया गया, नजफगढ़ में 224, नेहरू नगर में 310 और डीयू के नॉर्थ कैंपस में 206 दर्ज किया गया. बुधवार सुबह 'खराब' श्रेणी में रहने के बाद शाम 4 बजे दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ और यह मध्यम श्रेणी में पहुंच गई. वहीं गुरुवार सुबह यह "खराब" श्रेणी में पहुंच गई. यह गिरावट पिछले 24 घंटों में औसतन मध्यम वायु गुणवत्ता रीडिंग के बाद आई है, जो 11 दिसंबर को शाम 4 बजे ली गई थी.
सांस के मरीजों को परेशानी
फिलहाल गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिल्ली से काफी बेहतर है. गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स ग्रीन ज़ोन और यलो ज़ोन में है. वहीं नोएडा में फिलहाल दो इलाके ऐसे हैं जहां एयर क्वालिटी 300 के करीब पहुंच गया है. मौजूदा समय में प्रदूषण में हुए इजाफे के चलते सांस के मरीजों को खास परेशानी उठानी पड़ रही है. ठंड बढ़ने और प्रदूषण के चलते अस्पताल में सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.