दौसा: राजस्थान के दौसा विधानसभा उपचुनाव में गुरुवार को 8 प्रत्याशियों ने 9 नामांकन पत्र दाखिल किए, जिसमें एक भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे देवी सिंह ने भी भाजपा से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया. देवी सिंह इससे पहले घनश्याम तिवाड़ी की पार्टी भारत वाहिनी से भी दौसा विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं. देवी सिंह दौसा ने बुधवार को बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ दौसा शहर में रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया. वहीं, गुरुवार को रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन दाखिल किया.
इस दौरान उन्होंने मीडिया से भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने के बारे में बताया कि दौसा विधानसभा सीट सामान्य वर्ग की सीट है. वहां से भाजपा ने सामान्य वर्ग के बहुसंख्यक ब्राह्मण, राजपूत सहित सैनी, गुर्जर समाज को दरकिनार करके एक आरक्षित वर्ग के व्यक्ति को टिकट दिया है. साथ ही उन्होंने दौसा में भाजपा प्रत्याशी जगमोहन मीणा को बाहरी प्रत्याशी बताते हुए स्थानीय व्यक्ति को टिकट नहीं देने को भी बागी होकर चुनाव लड़ने की बड़ी वजह बताया.
भाजपा ने सामान्य वर्ग पर विचार तक नहीं किया : भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष और निर्दलीय प्रत्याशी देवी सिंह ने बताया कि दौसा विधानसभा में दो लाख 46 हजार वोटर हैं, जिनमें एक लाख एससी और एसटी मतदाता हैं. वहीं सामान्य वर्ग और अन्य वर्ग के एक लाख 46 हजार मतदाता हैं, लेकिन भाजपा ने अन्य किसी को टिकट देना तो दूर उनपर विचार तक नहीं किया. इसलिए सामान्य वर्ग और ओबीसी वर्ग के समर्थन से मैंने नामांकन दाखिल किया है.