दमोह। जिले में धर्मांतरण एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. आए दिन धर्मांतरण के मामले निकलकर सामने आ रहे हैं. एक बार फिर दमोह के सेंट जॉन्स स्कूल पर धर्मांतरण का आरोप लगा है. यहां पर पति-पत्नी की लड़ाई के बीच का फायदा उठाने की कोशिश करने का आरोप ईसाई मिशनरी संस्थान पर लगा है. इस मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई है.इधर धर्मांतरण के कथित इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है.
सेंट जॉन्स स्कूल पर धर्मांतरण का आरोप
दमोह के नया बाजार नंबर दो में रहने वाले परवेज अख्तर ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक श्रुत कीर्ति सोमवंशी को सौंपी अपनी शिकायत में सेंट जॉन्स स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परवेज ने मीडिया को बताया कि "उनकी बेटी इनाया अख्तर सेंट जॉन्स स्कूल में नर्सरी कक्षा की छात्रा है. कुछ समय पूर्व उसके चाचा अब्दुल हफीज और उसकी मां हाजरा बेगम का निधन हो गया था. इसके बाद उसकी पत्नी रेशमा बानो ने उसे अपनी मां के घर चलकर रहने को कहा. उसने कहा कि वह घर जमाई बनकर रहे लेकिन परवेज इस बात के लिए तैयार नहीं था. इसी बात को लेकर दोनों में काफी विवाद हो गया और वह अपनी मां के घर चली गई. जब इसी बीच मैं अपनी बेटी इनाया से मिलने सेंट जॉन्स स्कूल पहुंचा तो वहां पर उसकी पत्नी और स्कूल के भृत्य ने उसे हाथ पकड़ कर बाहर निकाल दिया."
स्कूल प्रिंसिपल पर धमकाने का आरोप
पीड़ित परवेज अख्तर का आरोप है कि "जब वह दूसरी बार अपनी बहन शाइस्ता के साथ फिर से स्कूल गया तो उसकी पत्नी ने उसे धमकी दी कि वह अपनी ही बेटी के अपहरण के आरोप में उसकी रिपोर्ट दर्ज कर देगी. वहीं जब मामला स्कूल की प्रिंसिपल सेफी भारत के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा कि रेशमा अब तुम्हारी पत्नी नहीं है. उसका और उसकी बेटी का वह धर्मांतरण करा रही हैं. धर्मांतरण के बाद न तो इनाया उसकी बेटी रहेगी और न ही रेशमा उसकी पत्नी रहेगी. इनाया की सारी पढ़ाई लिखाई का खर्च स्कूल प्रबंधन उठाएगा. उसे हर प्रकार की सुविधा दी जाएंगी."
स्कूल प्रिंसिपल ने पिता होने का मांगा प्रमाण
पीड़ित परवेज ने यह भी आरोप लगाया कि "स्कूल की प्रिंसिपल ने उससे इनाया का पिता होने का प्रमाण मांगा है. उसे पूरी शंका है कि उसकी पत्नी और बेटी का स्कूल प्रबंधन की ईसाई मिशनरी द्वारा धर्मांतरण करा लिया गया है. उसने यह भी बताया कि स्कूल प्रबंधन को उनके व्यक्तिगत विवाद में पढ़ने की बजाय सुलह कराने के प्रयास करना चाहिए न कि उसकी पत्नी और पुत्री को धर्मांतरण का प्रलोभन देकर मुस्लिम से ईसाई बनाया जाए."