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उत्तराखंड में मौसम का रौद्र रूप, जलमग्न हुई कोटेश्वर महादेव गुफा, मसूरी में गिरा पुश्ता, थत्यूड़ बिजली घर में घुसा मलबा - rain in uttarakhand

wall collapsed in mussoorie, rain in uttarakhand उत्तराखंड में मौसम का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं. लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं. पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के कारण गंगनहर में सिल्ट बढ़ गई है. जिससे कांवड़ियों को परेशानी हो रही है. बारिश के कारण रुद्रप्रयाग कोटेश्वर महादेव गुफा जलमग्न हो गई है. इसके अलावा मसूरी में मकान का पुश्ता भरभराकर गिर गया. जिससे सड़क बंद हो गई है.

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उत्तराखंड में मौसम का रौद्र रूप (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 27, 2024, 3:39 PM IST

Updated : Jul 27, 2024, 5:35 PM IST

देहरादून/हरिद्वार/धनौल्टी/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में इन दिनों आसमान से आफत बरस रही है. जिसके कारण प्रदेश में आपदा जैसे हालात हैं. ये हालात ऐसे समय पर हैं जब राज्य में चारधाम और कांवड़ यात्रा चल रही है. जिसके कारण पुलिस प्रशासन की परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ गई हैं. मौसम विभाग ने बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है. जिसके चलते कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी की गई है. शनिवार को टिहरी जिले से नुकसान की खबरें आई. यहां बालगंगा नदी विकराल हो कर आगे बढ़ रही है. इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिले में भी बारिश, लैंडस्लाइड के कारण नुकसान की खबरें सामने आई हैं.अब तक बारिश के कारण 3 बॉर्डर और 2 नेशनल हाइवे के साथ ही 205 सड़के बंद हैं.

मानसून सीजन में अब तक नुकसान: पूरे प्रदेश में इस वक्त 205 सड़के बंद हैं. जिसमें से लोक निर्माण विभाग की 130 सड़कें, राष्ट्रीय राजमार्ग 2 और पीएमजीएसवाई की 73 सड़के मौजूद हैं. मानसून सीजन से हुए नुकसान की बात की जाये तो अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है. 16 लोग घायल हो चुके हैं. संपत्तियों के नुकसान की बात की जाए तो अब तक कुल मिलाकर 648 घरों को नुकसान हुआ है. जिसमें से 10 घर पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं. सड़क दुर्घटनाओं में भी काफी नुकसान हुआ है. 15 जून से अब तक 39 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है. इसके अलावा चार धाम यात्रा में अब तक 173 लोगों की मौत हो चुकी है.

प्रदेश में सड़कों की हालत:जिलों में बंद सड़कों की बात की जाए तो रुद्रप्रयाग जिले में 21 ग्रामीण सड़क, उत्तरकाशी जिले में 15 छोटी बड़ी सड़कें, नैनीताल जिले में 8 ग्रामीण सड़कें, बागेश्वर जिले में 21 सड़कें, देहरादून जिले में 32 सड़कें, पिथौरागढ़ जिले में तीन बॉर्डर रोड सहित दो राष्ट्रीय राजमार्ग को मिलाकर कुल 31 सड़कें, अल्मोड़ा जिले में पांच सड़कें, चंपावत जिले में 10 सड़कें, पौड़ी में आठ चमोली में 28 सड़कें , टिहरी में 31 सड़कें, उधम सिंह नगर में भी दो सड़कें बारिश के चलते अवरुद्ध हुई हैं.

मसूरी में भरभराकर गिरा पुश्ता: पहाड़ों की रानी मसूरी में बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. मसूरी के काले स्कूल के पास एक बार फिर से दोपहर को भूस्खलन हुआ. जिससे माकान का पुश्ता भरभराकर गिर गया. जिसकी चपेट में एक झुग्गी आ गई. झुग्गी में रह रहे 6 लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई. मलबा गिरने से सड़क मार्ग भी बंद हो गया. सूचना मिलते ही लोक निर्माण विभाग, मसूरी पुलिस मौके पर पहुंचे. घटना में किसी प्रकार की जननी नहीं हुई है.

मसूरी में भरभराकर गिरा पुश्ता (Etv Bharat)

गंगनहर में सिल्ट, कांवड़ियों को हो रही परेशानी:पहाड़ों पर भारी बारिश हो रही है. जिसके गंगाजल में भारी मात्रा में सिल्ट आ रही है. हरिद्वार गंगा नदी में सिल्ट आने से उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने गंग नहर में पानी की आपूर्ति रोक दी है. नहर में सिल्ट ना बढ़ जाए इसके लिए सिंचाई विभाग ने नहर में जल के प्रवाह को बेहद कम कर दिया है. इससे हरकी पैड़ी और उससे संबंधित सभी गंगा घाटों पर पानी बेहद कम हो गया है. जिसे धर्मनगर हरिद्वार में आए कांवड़ियों को स्नान करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. शिव भक्त कावड़ियों का कहना कांवड़ मेले के दौरान गंगाजल पूरी मात्रा में आना चाहिए. जिससे गंगा स्नान में कांवड़ियों को कोई भी दिक्कत ना हो.

थत्यूड़ बिजली घर में घुसा मलबा, विद्युत आपूर्ति ठप्प:भारी बारिश के चलते टिहरी जनपद के जौनपुर विकास खण्ड मुख्यालय थत्यूड़ में 33 केवी विद्युत सब स्टेशन में चट्टानी मलवा आने से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई. जिससे जौनपुर के कई गांवों में विद्युत आपूर्ति ठप्प हो गई. मलबा सड़क पर आ जाने के कारण थत्यूड़ देहरादून चम्बा मसुरी मोटर मार्ग भी बन्द हो गया.

जलमग्न हुई कोटेश्वर महादेव की गुफा (Etv Bharat)

जलमग्न हुई कोटेश्वर महादेव की गुफा:बारिश के कारण रुद्रप्रयाग में प्रसिद्ध कोटेश्वर महादेव की गुफा भी जलमग्न हो गई है. यहां स्वयं मां अलकनंदा भगवान कोटेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर रही है. दूर-दराज से भक्त कोटेश्वर भगवान की गुफा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं, लेकिन गुफा के जलमग्न होने से भक्त गुफा में नहीं जा रहे हैं. मान्यता है कि गौत्र हत्या से मुक्ति को लेकर पांडव जब स्वर्गारोहिणी की ओर जा रहे थे, तो उन्होंने इस गुफा में कुछ समय तक विश्राम किया. साथ ही साथ भगवान शंकर की आराधना की, लेकिन भगवान ने उन्हें यहां भी दर्शन नहीं दिए.

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Last Updated : Jul 27, 2024, 5:35 PM IST

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