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निकाय चुनाव की अधिसूचनाओं को चुनौती वाली याचिकाओं पर सुनवाई, सरकार को पक्ष रखने के लिए 2 दिन का समय - CIVIC ELECTIONS HEARING

राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है, अब हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं

CIVIC ELECTIONS HEARING
नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई (File photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 15 hours ago

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने निकाय चुनावों को लेकर जारी अधिसूचनाओं को चुनौती देती अलग अलग याचिकाओं पर विस्तृत सुनवाई की. मामलों की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए 2 दिन का समय दिया है.

निकाय चुनाव की अधिसूचना को चुनौती वाली याचिकाओं पर सुनवाई: शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. आरक्षण भी तय कर दिया गया है. अब इसमें किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं रह गया है. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 31 दिसंबर की तिथि नियत की है.

हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 31 दिसंबर की तिथि तय की: मामले के अनुसार निकाय चुनावों को लेकर जारी अधिसूचना को चुनौती देती कई याचिकाएं दायर हुई हैं. याचिकाकर्ताओं द्वारा अलग अलग याचिकाएं दायर कर कहा गया है कि आपत्तियों का निस्तारण नियमानुसार नहीं किया गया है. न ही राज्य सरकार ने आरक्षण तय नियमानुसार किया है. दो नगर पालिकाओं में आरक्षण तय ही नहीं किया है. सितारगंज, अल्मोड़ा, ऋषिकेश नरेंद्र नगर से आपत्तियां आई हैं. इसलिए आपत्तियां और आरक्षण फिर से तय किए जाएं. कोर्ट ने सभी मामलों को एक साथ सुनवाई के लिए 31 दिसम्बर की तिथि नियत की है.

23 जनवरी को है निकाय चुनाव: उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तिथि घोषित हो चुकी है. राज्य में 23 जनवरी 2025 को निकाय चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. 25 जनवरी को निकाय चुनाव का परिणाम आएगा. 23 दिसंबर को उत्तराखंड में निकाय चुनावों को लेकर आरक्षण की फाइनल लिस्ट जारी हो गई थी. फाइनल लिस्ट में कुछ बदलाव किए गए थे. पहले जहां श्रीनगर नगर निगम की मेयर सीट सामान्य यानी अनारक्षित थी, तो वहीं इस सीट को अब महिला किया गया. इसके अलावा अल्मोड़ा नगर निगम में मेयर की सीट पहले महिला के लिए आरक्षित थी, जिसे अब ओबीसी किया गया. वहीं हल्द्वानी नगर में मेयर की सीट पहले ओबीसी थी, जिसे अब सामान्य किया गया.
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निकाय चुनाव की अधिसूचना को चुनौती वाली याचिकाओं पर सुनवाई: शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. आरक्षण भी तय कर दिया गया है. अब इसमें किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं रह गया है. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 31 दिसंबर की तिथि नियत की है.

हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 31 दिसंबर की तिथि तय की: मामले के अनुसार निकाय चुनावों को लेकर जारी अधिसूचना को चुनौती देती कई याचिकाएं दायर हुई हैं. याचिकाकर्ताओं द्वारा अलग अलग याचिकाएं दायर कर कहा गया है कि आपत्तियों का निस्तारण नियमानुसार नहीं किया गया है. न ही राज्य सरकार ने आरक्षण तय नियमानुसार किया है. दो नगर पालिकाओं में आरक्षण तय ही नहीं किया है. सितारगंज, अल्मोड़ा, ऋषिकेश नरेंद्र नगर से आपत्तियां आई हैं. इसलिए आपत्तियां और आरक्षण फिर से तय किए जाएं. कोर्ट ने सभी मामलों को एक साथ सुनवाई के लिए 31 दिसम्बर की तिथि नियत की है.

23 जनवरी को है निकाय चुनाव: उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तिथि घोषित हो चुकी है. राज्य में 23 जनवरी 2025 को निकाय चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. 25 जनवरी को निकाय चुनाव का परिणाम आएगा. 23 दिसंबर को उत्तराखंड में निकाय चुनावों को लेकर आरक्षण की फाइनल लिस्ट जारी हो गई थी. फाइनल लिस्ट में कुछ बदलाव किए गए थे. पहले जहां श्रीनगर नगर निगम की मेयर सीट सामान्य यानी अनारक्षित थी, तो वहीं इस सीट को अब महिला किया गया. इसके अलावा अल्मोड़ा नगर निगम में मेयर की सीट पहले महिला के लिए आरक्षित थी, जिसे अब ओबीसी किया गया. वहीं हल्द्वानी नगर में मेयर की सीट पहले ओबीसी थी, जिसे अब सामान्य किया गया.
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