देहरादून: उत्तराखंड में 28 जनवरी 2025 से 38वें राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत होनी है. जोरशोर से इसकी तैयारियां चल रही हैं. वहीं इसी बीच उत्तराखंड में निकाय चुनावों की घोषणा हो गई. राष्ट्रीय खेलों से पहले प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव और इसकी आदर्श आचार संहिता से इस मेगा इवेंट को कुछ बंदिशों का सामना भी करना पड़ रहा है.
आचार संहिता लगते ही राष्ट्रीय खेलों के कार्यक्रमों पर उठने लगा सवाल: उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर आचार संहिता लग चुकी है. यह आचार संहिता 25 जनवरी 2025 तक लागू रहेगी. 28 जनवरी 2025 से उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल होने हैं. इन खेलों से ठीक पहले तक प्रदेश में लगी रहने वाली आचार संहिता से राष्ट्रीय खेलों पर सीधे तौर से असर पड़ेगा. 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पहले होने वाले तमाम प्री-इवेंट्स को लेकर कांग्रेस ने अभी से सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है.
मशाल रैली के फ्लैग ऑफ पर कांग्रेस ने उठाए थे सवाल: इसका एक उदाहरण गुरुवार को हुए हल्द्वानी में मशाल रैली के फ्लैग ऑफ कार्यक्रम के बाद देखने को मिला. इस कार्यक्रम पर कांग्रेस की ओर से तमाम सवाल खड़े किए गए. कांग्रेस की वरिष्ठ प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने खेल मंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा हल्द्वानी गोलापर में आयोजित हुए इस कार्यक्रम को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए तमाम सवाल खड़े किए थे.
राष्ट्रीय खेलों के प्री इवेंट, प्रमोशन और अन्य गतिविधियों पर बंदिशें: हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को हुए हल्द्वानी के गोलापार के इस कार्यक्रम पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप का खंडन किया है. लेकिन आदर्श आचार संहिता के दायरे में कैसे सभी गतिविधियां होनी हैं, इसको लेकर भी निर्वाचन आयोग ने अपनी बात रखी है. सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राहुल गोयल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने पहला यह बिंदु स्पष्ट किया है कि निकाय चुनाव की आदर्श आचार संहिता का दायरा केवल नगरीय क्षेत्र यानी निकाय क्षेत्र में प्रभावी है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने मशाल रैली के फ्लैग ऑफ को दी थी हरी झंडी: सचिव राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि गुरुवार को गोलापार में हुए कार्यक्रम को नगरी क्षेत्र से बाहर होने की वजह से हरी झंडी दी है. वहीं इसके अलावा हमने 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पहले तमाम तरह की गतिविधियों में आने वाली बंदिशें को लेकर भी सवाल किया. उन्होंने बताया कि खेल विभाग द्वारा उन्हें राष्ट्रीय खेलों के संबंध में एक पत्र भेजा गया था. पत्र में तमाम आयोजनों को लेकर अनुमति मांगी गई थी. आयोग द्वारा उचित प्रावधानों के तहत खेल विभाग को अनुमति पत्र दे दिया गया है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने खेल विभाग को दी हैं ये अनुमति: चूंकि राष्ट्रीय खेल एक बड़ा आयोजन है. बड़ी मेहनत से उत्तराखंड को इनके आयोजन का मौका मिला है तो खेल विभाग द्वारा मांगी गई अनुमतियों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने निम्न अनुमतियां प्रदान की हैं-
- आचार संहिता लागू रहने तक कार्यक्रमों का आयोजन नगर निगम क्षेत्र के बाहर बिना किसी बंदिश के किया जा सकता है. निर्वाचन में लगे अधिकारी/कार्मिक इन कार्यक्रमों में प्रतिभाग नहीं करेंगे यदि कोई राजनैतिक प्रतिनिधि उस कार्यक्रम में अतिथि है तो.
- प्रचार-प्रसार में नगर निकाय क्षेत्र में प्रचार सामग्री में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि, सत्ताधारी दल सहित का फोटो या संदेश प्रदर्शित नहीं किया जायेगा. ना ही होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि लगाने की अनुमति होगी. बिना मंत्री और मुख्यमंत्री के विज्ञापन प्रसारित किए जा सकेंगे.
- कार्यक्रमो में कोई भी ऐसा वक्तव्य, घोषणा या प्रलोभन नहीं दिया जाये जिससे मतदाता प्रभावित/प्रलोभित होगा.
- मीडिया/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रचार सामग्री जो राजकीय व्यय पर प्रकाशित हो जनप्रतिनिधियों/महानुभावों के चित्र या संदेश प्रसारित नहीं होंगे.
राज्य निर्वाचन आयोग सचिव ने ये कहा: आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करने को लेकर आयोग के सचिव राहुल गोयल का कहना है कि नियम और प्रावधानों के तहत ही यह सभी अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जिस भी तरह का विषय सामने आएगा, उस पर भी विधिक रूप से विचार करके आगे की कार्रवाई की जाएगी.
आदर्श आचार संहिता की बंदिशों को बीच होंगे आयोजन- खेल विभाग: इस पूरे विषय पर हमने खेल विभाग के अधिकारियों से भी बातचीत की. खेल सचिव अमित सिन्हा ने कहा कि निश्चित तौर से प्रदेश में जब आदर्श आचार संहिता लगती है तो कुछ बंदिशों के बीच ही तमाम गतिविधियां की जाती हैं. उन्होंने कहा कि खेल विभाग भी प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर लगी आदर्श आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए अपनी सभी गतिविधियां आयोजित करेगा.
राज्य निर्वाचन आयोग को शेयर की गई हैं जानकारियां: प्रमुख विशेष खेल सचिव अमित सिंह ने कहा कि उनके द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को इस संबंध में पहले ही एक पत्र भेज दिया गया है. पत्र में तमाम आयोजनों से संबंधित गाइडलाइन मांगी गई हैं. खेल विभाग को जो आयोजन नेशनल गेम्स से संबंधित करवाने हैं, उनको लेकर जानकारी भी निर्वाचन आयोग के साथ साझा की गई है. वहीं इसके अलावा निकाय चुनाव में पूरी सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में खेल विभाग के तमाम कार्य जो अभी अंतिम चरण में होने हैं, उनको लेकर भी लगातार विभागों से सामंजस्य बैठाया जा रहा है, ताकि कार्य पूरे किए जाएं.
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