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उत्तराखंड में 300 से ज्यादा पुलों की बढ़ने जा रही भार क्षमता, सामरिक लिहाज से अहम - BRIDGES LOAD CAPACITY INCREASED

उत्तराखंड में जल्द 300 से ज्यादा पुलों की लंबाई और चौड़ाई के साथ ही भार क्षमता को बढ़ाया जाएगा. जिसकी कवायद तेज कर दी है.

increase load capacity of bridges in uttarakhand
पुलों की भार क्षमता बढ़ाने का फैसला सामरिक लिहाज से अहम (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 7, 2025, 7:23 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पुल अब भारी से भारी वाहन और मशीनरी का भार सह सकेंगे. दरअसल भारत सरकार से मिली मंजूरी के बाद प्रदेश के पुलों की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राज्य के लिए ये फैसला सामरिक लिहाज से भी बेहद अहम है. ना केवल इंडस्ट्री से जुड़े कार्यों बल्कि सेना के मूवमेंट को भी इससे मदद मिलेगी.

जल्द पीडब्ल्यूडी करेगा कार्य शुरू: उत्तराखंड के राष्ट्रीय राजमार्ग और कुछ स्टेट हाईवे पर स्थित कम क्षमता वाले पुलों की क्षमता बढ़ाई जाएगी. राज्य सरकार का प्लान है कि प्रदेश के तमाम पुलों को क्लास 'बी' से अपग्रेड करते हुए क्लास 'ए' में लाया जाए. इसके लिए जल्द ही लोक निर्माण विभाग की तरफ से काम शुरू किया जाएगा. फिलहाल जिन पुलों को इस योजना से जोड़ा जाना है उन्हें चिन्हित कर लिया गया है. राज्य में जहां एक तरफ इन्वेस्टर समिट के बाद तमाम उद्योगों के राज्य में आने की संभावना के बीच भारी भरकम इक्विपमेंट और सामान का आवागमन होगा, तो भारी मशीनरी के अलावा सेना को मूवमेंट में भी आसानी होगी.

increase load capacity of bridges in uttarakhand
पुलों की बढ़ाई जाएगी चौड़ाई और भार क्षमता (Photo-ETV Bharat)

पुलों की क्षमता बढ़ाने की ये है योजना: उत्तराखंड में स्टेट हाईवे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलों को अपग्रेड करने की इस योजना के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिल चुकी है, इस योजना को एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से अपग्रेड किया जाना है. इसमें राज्य सरकार की 10% वित्तीय रूप से हिस्सेदारी होगी, जबकि बाकी एशियन डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से राज्य को बजट मिलेगा. इस पूरी स्कीम की लागत करीब 1610 करोड़ रुपए आंकी गई है.

increase load capacity of bridges in uttarakhand
मरम्मत के बाद बी से एक ग्रेड सूची में होंगे शामिल (Photo-ETV Bharat)

प्रदेश में 300 से ज्यादा पुल हुए हैं चिन्हित: उत्तराखंड में क्लास B से क्लास A कैटेगरी में जिन पुलों को चिन्हित किया गया है, उनकी संख्या 339 है. जिसमें पहले चरण में 296 पुलों पर काम किया जायेगा. हालांकि फिलहाल 43 पुलों के उच्चीकरण के लिए डीपीआर बनाई जा रही है. जिन पुलों की डीपीआर बनाई जा रही है, उनमें अल्मोड़ा जिले के 8 पुल, बागेश्वर के 10, पिथौरागढ़ जिले के 9, चमोली जिले के 4, देहरादून का 1 और पौड़ी जिले के 15 पुल शामिल हैं.

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प्रदेश में 300 से ज्यादा पुलों की भार क्षमता बढ़ाने की तैयारी (Photo-ETV Bharat)

जानिए क्या कह रहे जिम्मेदार: लोक निर्माण विभाग इस योजना के लिए जरूरी कार्रवाई को आगे बढ़ा रहा है. उधर जल्द ही इसके लिए हाई पावर कमेटी की मंजूरी भी ली जाएगी. लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडे ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पहाड़ों में सिंगल लेन रोड है और पुल भी उसी कैटेगरी के बनाए गए थे. ऐसे में अब पुलों की क्षमता को बढ़ाने पर काम चल रहा है, क्लास A के पुल मैक्सिमम कैपेसिटी के होते हैं जिस पर भारी से भारी वाहन भी चल सकते हैं. इन पुलों को डेढ़ से 2 लेन में तब्दील किया जाएगा.

लोक निर्माण विभाग द्वारा एडीपी के साथ साल 2025-26 में लोन साइन किया जायेगा. तकनीकी जानकारी के अनुसार क्लास B पुल करीब 55 टन तक की क्षमता वाले होते हैं. जबकि क्लास A के पुलों की क्षमता करीब 70 टन भार सहने की होती है. इस तरह न केवल राज्य के 339 पुलों को ज्यादा भार क्षमता वाला बनाया जाएगा, बल्कि टू लेन सड़कों के लिहाज से इन पुलों का चौड़ीकरण भी किया जाएगा. इसमें कई पुल सड़क की स्थिति के लिहाज से नए भी बनाए जाएंगे.

सामरिक लिहाज से भी अहम होगा यह निर्णय: उत्तराखंड अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगा हुआ है, नेपाल के अलावा चीन की सीमाएं भी प्रदेश से जुड़ी हुई है. जाहिर है कि इन स्थितियों के बीच सेना का मूवमेंट भी उत्तराखंड के तमाम जिलों से होता रहा है. ऐसे में सामरिक लिहाज से भी भारी भरकम वजन सहने वाले ऐसे पुल काफी अहम है. इसके जरिए सेना की भारी भरकम मशीने भी यहां से आसानी के साथ ले जाई जा सकेंगी.

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देहरादून: उत्तराखंड के पुल अब भारी से भारी वाहन और मशीनरी का भार सह सकेंगे. दरअसल भारत सरकार से मिली मंजूरी के बाद प्रदेश के पुलों की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राज्य के लिए ये फैसला सामरिक लिहाज से भी बेहद अहम है. ना केवल इंडस्ट्री से जुड़े कार्यों बल्कि सेना के मूवमेंट को भी इससे मदद मिलेगी.

जल्द पीडब्ल्यूडी करेगा कार्य शुरू: उत्तराखंड के राष्ट्रीय राजमार्ग और कुछ स्टेट हाईवे पर स्थित कम क्षमता वाले पुलों की क्षमता बढ़ाई जाएगी. राज्य सरकार का प्लान है कि प्रदेश के तमाम पुलों को क्लास 'बी' से अपग्रेड करते हुए क्लास 'ए' में लाया जाए. इसके लिए जल्द ही लोक निर्माण विभाग की तरफ से काम शुरू किया जाएगा. फिलहाल जिन पुलों को इस योजना से जोड़ा जाना है उन्हें चिन्हित कर लिया गया है. राज्य में जहां एक तरफ इन्वेस्टर समिट के बाद तमाम उद्योगों के राज्य में आने की संभावना के बीच भारी भरकम इक्विपमेंट और सामान का आवागमन होगा, तो भारी मशीनरी के अलावा सेना को मूवमेंट में भी आसानी होगी.

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पुलों की बढ़ाई जाएगी चौड़ाई और भार क्षमता (Photo-ETV Bharat)

पुलों की क्षमता बढ़ाने की ये है योजना: उत्तराखंड में स्टेट हाईवे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलों को अपग्रेड करने की इस योजना के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिल चुकी है, इस योजना को एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से अपग्रेड किया जाना है. इसमें राज्य सरकार की 10% वित्तीय रूप से हिस्सेदारी होगी, जबकि बाकी एशियन डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से राज्य को बजट मिलेगा. इस पूरी स्कीम की लागत करीब 1610 करोड़ रुपए आंकी गई है.

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मरम्मत के बाद बी से एक ग्रेड सूची में होंगे शामिल (Photo-ETV Bharat)

प्रदेश में 300 से ज्यादा पुल हुए हैं चिन्हित: उत्तराखंड में क्लास B से क्लास A कैटेगरी में जिन पुलों को चिन्हित किया गया है, उनकी संख्या 339 है. जिसमें पहले चरण में 296 पुलों पर काम किया जायेगा. हालांकि फिलहाल 43 पुलों के उच्चीकरण के लिए डीपीआर बनाई जा रही है. जिन पुलों की डीपीआर बनाई जा रही है, उनमें अल्मोड़ा जिले के 8 पुल, बागेश्वर के 10, पिथौरागढ़ जिले के 9, चमोली जिले के 4, देहरादून का 1 और पौड़ी जिले के 15 पुल शामिल हैं.

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प्रदेश में 300 से ज्यादा पुलों की भार क्षमता बढ़ाने की तैयारी (Photo-ETV Bharat)

जानिए क्या कह रहे जिम्मेदार: लोक निर्माण विभाग इस योजना के लिए जरूरी कार्रवाई को आगे बढ़ा रहा है. उधर जल्द ही इसके लिए हाई पावर कमेटी की मंजूरी भी ली जाएगी. लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडे ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पहाड़ों में सिंगल लेन रोड है और पुल भी उसी कैटेगरी के बनाए गए थे. ऐसे में अब पुलों की क्षमता को बढ़ाने पर काम चल रहा है, क्लास A के पुल मैक्सिमम कैपेसिटी के होते हैं जिस पर भारी से भारी वाहन भी चल सकते हैं. इन पुलों को डेढ़ से 2 लेन में तब्दील किया जाएगा.

लोक निर्माण विभाग द्वारा एडीपी के साथ साल 2025-26 में लोन साइन किया जायेगा. तकनीकी जानकारी के अनुसार क्लास B पुल करीब 55 टन तक की क्षमता वाले होते हैं. जबकि क्लास A के पुलों की क्षमता करीब 70 टन भार सहने की होती है. इस तरह न केवल राज्य के 339 पुलों को ज्यादा भार क्षमता वाला बनाया जाएगा, बल्कि टू लेन सड़कों के लिहाज से इन पुलों का चौड़ीकरण भी किया जाएगा. इसमें कई पुल सड़क की स्थिति के लिहाज से नए भी बनाए जाएंगे.

सामरिक लिहाज से भी अहम होगा यह निर्णय: उत्तराखंड अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगा हुआ है, नेपाल के अलावा चीन की सीमाएं भी प्रदेश से जुड़ी हुई है. जाहिर है कि इन स्थितियों के बीच सेना का मूवमेंट भी उत्तराखंड के तमाम जिलों से होता रहा है. ऐसे में सामरिक लिहाज से भी भारी भरकम वजन सहने वाले ऐसे पुल काफी अहम है. इसके जरिए सेना की भारी भरकम मशीने भी यहां से आसानी के साथ ले जाई जा सकेंगी.

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