रायपुर: छत्तीसगढ़ में फेंगल तूफान का असर दिख रहा है. कई जिलों में बदरी छाई हुई है. मौसम विभाग ने भी प्रदेश में बारिश की संभावना जताई है. रविवार को रायपुर, बलरामपुर और बीजापुर में हल्की बारिश हुई. बस्तर में भी फेंगल तूफान के असर से एक दो स्थानों पर बारिश हुई. धान खरीदी और धान तिहार के बीच में बारिश होने और वर्षा की संभावना से छत्तीसगढ़ राज्य सरकार भी चिंतित है. धान खरीदी प्रभावित न हो और किसानों के धान पर इसका असर न पड़े इसलिए सीएम साय ने जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं. सीएम साय के निर्देश के बाद से छत्तीसगढ़ का पूरा प्रशासन हरकत में है.
छत्तीसगढ़ में फेंगल से धान खरीदी पर खतरा, सीएम साय ने अधिकारियों को दिए निर्देश - PADDY PROCUREMENT IN CG
छत्तीसगढ़ में फेंगल तूफान से कई जिलों में बारिश हुई है. सीएम ने धान के बचाव को लेकर निर्देश जारी किए हैं.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Dec 2, 2024, 5:34 PM IST
|Updated : Dec 2, 2024, 9:45 PM IST
"धान को बचाने का इंतजाम करे जिला प्रशासन": सीएम विष्णुदेव साय के निर्देश के बाद खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने सभी जिलों के कलेक्टर्स को धान के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. धान उपार्जन केंद्रों में टेंट और अन्य इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं. धान को पॉलीथीन से कवर करने का आदेश जारी किया गया है. प्रदेश के सभी धान खरीदी केंद्रों में तिरपाल, केप कवर और अन्य इंतजाम धान खरीदी के लिए किए गए हैं. जिससे किसानों की मेहनत पर पानी न फिरे. उन्हें उनकी फसल का उचित दाम मिल सके. सीएम और खाद्य मंत्री के निर्देश के बाद सभी जिलों के कलेक्टर हरकत में आ गए हैं और अपने अपने जिलों में धान खरीदी केंद्रों के इंतजामों का जायजा अधिकारियों के जरिए ले रहे हैं.
अब तक कितनी हुई धान खरीदी ?: छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर 2024 से धान की खरीदी शुरू है. पूरे प्रदेश में अब तक18.09 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है. कुल 3.85 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है. किसानों को धान खरीदी के तहत 3706 करोड़ 69 लाख रूपए का भुगतान किया गया है. धान खरीदी 31 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी. इस साल राज्य सरकार ने160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. कुल 2739 उपार्जन केन्द्रों के जरिए किसानों से धान की खरीदी हो रही है. किसानों के लिए धान उपार्जन केंद्रों पर माइक्रो एटीएम स्थापित किया गया है. इसके अलावा उन्हें परिवहन के साधनों का भी भुगतान किया जा रहा है. राज्य सरकार धान के अवैध परिवहन पर भी नजर बनाए हुए है.