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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 13, 2024, 8:39 PM IST

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नवगछिया ACJM के अकाउंट से साइबर ठगों ने उड़ाए 8.49 लाख, जानिए कैसे हुआ फर्जीवाड़ा - Cyber ​​fraud

नवगछिया व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम महेश्वर नाथ पांडेय के साथ साइबर ठगों ने 8 लाख 49 हजार रुपए की ठगी की. एसीजेएम को एसबीआई शाखा प्रबंधक के नाम से फर्जी मैसेज प्राप्त हुआ, जिसके बाद उन्होंने गूगल से नंबर खोजकर संपर्क किया. और फिर वो साइबर फ्रॉड के चंगुल में फंस गये. पढ़िये, विस्तार से और रहें सावधान.

साइबर ठग.
साइबर ठग. (सांकेतिक तस्वीर.)

भागलपुरः नवगछिया व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम (ACJM 2) महेश्वर नाथ पांडेय साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं. उनके बैंक खाते से 8 लाख 49 हजार रुपए की धोखाधड़ी की गई है. हालांकि ठगी की जानकारी होते ही एसीजेएम ने तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद 5 लाख रुपए पर होल्ड लगा दिया गया है. इस घटना से पता चलता है कि साइबर ठग किस प्रकार उच्च तकनीक और मनोवैज्ञानिक तरीके अपनाकर लोगों को ठगते हैं. इसलिए, सतर्क रहना और सुरक्षित बैंकिंग प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी है.

थाने में दिया गया आवेदन. (ETV Bharat)

कैसे हुए ठगी के शिकारः एसीजेएम महेश्वर नाथ पांडेय ने कार लोन लिया था. बुधवार सुबह उन्हें मोबाइल पर एक संदेश प्राप्त हुआ जिसमें एसबीआई शाखा प्रबंधक से संपर्क करने को कहा गया था. एसीजेएम ने गुगल से एसबीआई शाखा प्रबंधक का नंबर खोजकर फोन किया. दूसरी ओर से बात करने वाले ने खुद को एसबीआई का मैनेजर बताया. इसके बाद उसने योनो लाइट एप डाउनलोड करने को कहा. एप डाउनलोड करने के बाद अन्य प्रक्रिया करने को कहा. इसी बीच उनके खाते से 8 लाख 49 हजार रुपए की निकासी हो गई.

थाने में दिया गया आवेदन. (ETV Bharat)

थाने में दर्ज करायी शिकायतः उनके मोबाइल पर जैसे ही पैसे की निकासी का मैसेज आया, उन्होंने 1930 नंबर पर कॉल कर पूरी जानकारी दी. इसके साथ ही नवगछिया साइबर थाने में मामला दर्ज करवाया. साइबर थाना पुलिस की सजगता से करीब 5 लाख रुपए पर होल्ड लगा दिया गया है. न्यायाधीश ने नवगछिया साइबर थाना में आवेदन दिया है, जिसमें कहा गया है कि जब वह भागलपुर में पोस्टेड थे, तब एसबीआई आदमपुर शाखा से 9 लाख रुपए का कार लोन लिया था. 8 जून को उनका ट्रांसफर नवगछिया हो गया.

बचाव के उपाय:

  1. सत्यापन: किसी भी संदिग्ध मैसेज या कॉल को सत्यापित करने के लिए सीधे बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या अधिकृत नंबर से संपर्क करें.
  2. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: किसी अनजान व्यक्ति को बैंकिंग जानकारी या ओटीपी ना दें.
  3. एप्स का सुरक्षित उपयोग: केवल अधिकृत और आधिकारिक एप्स का ही उपयोग करें.
  4. संशय होने पर: अगर किसी कॉल या मैसेज पर संदेह हो तो तुरंत साइबर क्राइम शाखा से संपर्क करें.
  5. सुरक्षा अलर्ट: बैंक द्वारा दी गई सुरक्षा अलर्ट सुविधाओं को सक्रिय रखें ताकि कोई भी अनधिकृत गतिविधि तुरंत पता चल सके.

"न्यायाधीश ने साइबर ठगी का आवेदन दिया है. 5 लाख रुपए पर स्टे लगा दिया गया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है. शीघ्र ही मामले को सुलझा लिया जाएगा."- मनोज सुमन, नवगछिया साइबर थानाध्यक्ष

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