वॉयस क्लोनिंग बना साइबर ठगों का हथियार नई दिल्ली/नोएडा:देश भर में लोग साइबर चीटिंग के शिकार हो रहे हैं. मेहनत की गाढ़ी कमाई पलभर में अकाउंट से निकल जा रही है. इससे राजधानी दिल्ली भी अछूता नहीं है. साइबर अपराध की वारदातों को अंजाम देने वाले प्रतिदिन नए-नए तरीके अपना कर लोगों के साथ साइबर ठगी करते हैं. ऐसा ही एक नया मामला सामने आया है, जिसमें साइबर अपराध करने वाले अब वॉइस क्लोनिंग कर रहे हैं. एडिशनल डीसीपी नोएडा मनीष कुमार मिश्रा का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच साइबर सेल कर रही है.
तेजी से बढ़ रही है साइबर क्लोनिंग: वॉयस क्लोनिंग के माध्यम से साइबर अपराधी आम लोगों को ठगने के साथ ही उनके बच्चों के माता-पिता को भी धमका रहे हैं. इस तरह के मामले दिल्ली एनसीआर सहित अन्य जगहों पर कई आए हैं, पर नोएडा में अभी तक सिर्फ एक मामला सामने आया है.
एडिशनल डीसीपी नोएडा मनीष कुमार ने लोगों को वॉयस क्लोनिंग से बचने की सलाह दी है. वॉइस क्लोनिंग के मामले में एडिशनल डीसीपी नोएडा मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि अक्सर साइबर अपराध करने वाले लोगों को धमकी भरे फोन करते हैं और अभिभावकों को उनके बच्चों की आवाज क्लोनिंग करके उनसे मोटी रकम वसूलते हैं. इस तरह की घटना नोएडा जैसे शहर में ना हो, इसके लिए लोगों को जागरूक रहने के लिए सलाह दी जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि साइबर सेल और साइबर थाने के माध्यम से इस तरह के अपराध पर नजर रखने के निर्देश भी दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर के माध्यम से साइबर अपराधी लोगों की आवाजों को क्लोन करके सुनने का काम करते हैं.
एडिशनल डीसीपी ने बताया कि इस तरह का अपराध करने वाले ज्यादातर साइबर ठग खुद को पुलिस वाला बनकर कॉल करते हैं, ताकि लोग डर जाए. जो मामला नोएडा में सामने आया है उसमें भी साइबर अपराध करने वाले ने खुद को पुलिस वाला बताकर फोन किए थे और पीड़ित से पैसे भी ले लिए. उन्होंने लोगों से इस तरह की वॉयस क्लोनिंग से बचने की सलाह दी है. फिलहाल, पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है.