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हरियाणा में डॉक्टर के फ्लैट से 1 करोड़ रुपये बरामद, 5 लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार, पुलिस रिमांड में खुलेंगे राज - Haryana ACB raid

Haryana ACB raid: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच एक बड़ी खबर है कि एंटी करप्शन ब्यूरो की करनाल टीम ने 26 सितंबर को रिश्वत के मामले में पकड़े गे आरोपी डॉ. रवि विमल को आज न्यायालय में पेश किया गया. वहां से उन्हें पुलिस ने चार दिन के रिमांड पर लिया है. जांच के दौरान फ्लैट से एक करोड़ 2 लाख रुपये नगद बरामद हुए हैं.

Haryana ACB raid
Haryana ACB raid (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 27, 2024, 6:50 PM IST

पंचकूला: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की करनाल टीम द्वारा 26 सितंबर को 5 लाख रुपये रिश्वत मामले में गिरफ्तार आरोपी डा. रवि विमल के फ्लैट से जांच टीम को अब 1.2 करोड़ रुपए बरामद हुए हैं. दरअसल, जांच टीम ने आरोपी को आज कोर्ट में पेश कर आगामी पूछताछ के लिए उसका 4 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया है. मामले में छानबीन के दौरान जांच टीम ने आरोपी डॉक्टर के पंचकूला के अमरावती स्थित फ्लैट से एक करोड़ 2 लाख रूपये बरामद किए.

आरोपी की निशानदेही पर रकम बरामद: विभागीय अधिकारी ने बताया कि एसीबी करनाल की टीम ने गिरफ्तार आरोपी डा. रवि विमल की निशानदेही पर गत दिवस की देर शाम उसके घर की तलाशी ली. इस दौरान आरोपी के घर से 1.2 करोड़ रुपए मिले. जांच टीम इस संबंध में आरोपी डॉक्टर से पूछताछ में जुटी है. ताकि पता लग सके कि उसके पास यह राशि कहां से आई और इस मामले में उसके अलावा कितने लोग शामिल हैं. एसीबी टीम अलग-2 पहलुओं से जांच में जुटी है.

डिप्टी सीईओ के पद पर कार्यरत था डॉक्टर:गौरतलब है कि आरोपी डॉक्टर रवि विमल जिला पंचकूला में आयुष्मान भारत योजना के डिप्टी सीईओ के पद पर कार्यरत था. एसीबी टीम को करनाल के मूलचंद किडनी अस्पताल के मालिक डॉक्टर संदीप चौधरी ने शिकायत दी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए कि आरोपी डॉ. रवि विमल आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध उनके अस्पताल का निलंबन रद्द करने के एवज में उनसे 10 लाख रुपए की रिश्वत की मांग रहा है. लेकिन दोनों के बीच सौदा 5 लाख रुपए में तय हुआ.

ट्रैप लगाकर किया गिरफ्तार: एसीबी टीम ने शिकायतकर्ता की शिकायत और उनकी आरोपी डॉक्टर के साथ वाट्स एप चैट को कब्जे में लेने के बाद आरोपी पर ट्रैप लगाया. रिश्वत के संबंध में फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग को भी एसीबी करनाल की टीम ने अपने कब्जे में लिया है. मामले के पुख्ता होने के बाद एसीबी की जांच टीम ने आरोपी डॉक्टर रवि विमल को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल जांच टीम आरोपी से आगामी पूछताछ में जुटी है.

यह है शिकायत:मामले की शिकायतकर्ता डॉक्टर संदीप चौधरी ने एसीबी को दी शिकायत में बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत उनका अस्पताल इंपैनलमेंट सूची में है. बताया कि उनके अस्पताल में मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाता है और उसके बदले में सरकार उन्हें इलाज खर्च का पैसा देती है. लेकिन 1 अगस्त को आयुष्मान भारत योजना विभाग की ओर से उनके अस्पताल की ऑफिशियल ई-मेल पर आयुष्मान भारत योजना की इंपैनलमेंट सूची में अस्पताल का नाम निलंबित या हटाने की जानकारी भेजी गई थी. इसका कारण विभाग के नोटिस का जवाब नहीं दिया जाना बताया गया था. इसके बाद उस ई-मेल के जवाब में शिकायतकर्ता ने पिछले कुछ समय में एक भी नोटिस नहीं मिलने की जानकारी दी. बताया कि पिछले कुछ समय में आई ई-मेल का जवाब उनके द्वारा दिया गया था.

3.71 लाख रुपए भरवाने के बाद भी मांगी रिश्वत:आयुष्मान भारत योजना की ओर से उन्हें 3.71 लाख की पेनल्टी जमा करने को कहा गया. इस पर शिकायतकर्ता पंचकूला पहुंचकर आयुष्मान भारत योजना के अधिकारी से मिले और अपनी बात रखी. इसके बाद अधिकारी ने डिप्टी सीईओ, डॉक्टर रवि विमल को शिकायतकर्ता के अस्पताल का नाम निलंबन सूची से हटाकर दोबारा इंपैनलमेंट सूची में डालने को कहा. लेकिन डॉक्टर रवि विमल ने दबाव बनाकर शिकायतकर्ता से पेनल्टी की राशि भरवाई लेकिन निलंबन नहीं हटाया. इसके बाद 18 सितंबर को जब शिकायतकर्ता निलंबन हटवाने के लिए डॉक्टर विमल से मिले तो उन्होंने उनसे 10 लाख रुपए लगने की बात कही. शिकायतकर्ता ने रिश्वत की रकम अधिक होने की बात कही तो उनके बीच सौदा 5 लाख रुपए में तय हुआ. तंग आकर शिकायतकर्ता डॉ. संदीप चौधरी ने आरोपी डॉ. रवि विमल के खिलाफ एसीबी को शिकायत दी.

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