सरगुजा: केंद्र सरकार किसानों के लिये एक ऐसी योजना लाई जो किसानों को पूरी तरह से सुरक्षा देती है. इस योजना के कारण फसल में अगर आपदा के कारण क्षति हुई तो ये बीमा से कवर होती है. लेकिन सरगुजा में फसल बीमा योजना दुर्भाग्यपूर्ण है. यहां किसानों से प्रीमियम तो हर साल लिया जाता है, लेकिन क्षतिपूर्ति ऐसी मिलती है जो हास्यास्पद है.
फसल बीमा योजना की क्षतिपूर्ति बनी मजाक: फसल नुकसान होने पर कुछ किसानों को 11 रुपये, 1 रुपये और 10 रुपये का बीमा क्लेम दिया गया. बड़ी बात ये है की इस बात की पुष्टि खुद सहकारी बैंक के अधिकारी कर रहे हैं. बैंक के अधिकारी का कहना है कि जितने भी किसान लोन लेते हैं उनका सबका बीमा करके उनका प्रीमियम डिटेक्ट किया जाता है लेकिन किसानों में हताशा इसलिए है क्योंकि उन्हें क्षतिपूर्ति नहीं मिलती है. इस कारण फसल बीमा के प्रति जागरूकता नहीं है. बीमा कंपनियों से बात करने पर वो अपने नियमों का हवाला देते हैं.
सरगुजा में फसल बीमा योजना (ETV Bharat Chhattisgarh)
किसानों का कहना है कि चूंकि वे छोटे किसान है इसलिए उन्हें आज तक फसल बीमा का लाभ नहीं मिला.
आजतक हमें कोई लाभ नहीं मिला है. मिलना चाहिए लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है: किसान
हम लोग छोटे किसान है लेकिन कोई लाभ नहीं मिल रहा: किसान
फसल बीमा का कोई फायदा नहीं मिल रहा, मिलना तो चाहिए लेकिन कुछ नहीं मिल रहा: किसान
धान गेहूं और सब्जी किसानों के लिए अलग अलग बीमा: जिला सहकारी बैंक के चीफ सुपरवाइजर बीकेपी सिंह बताते हैं कि जो भी किसान सहकारी बैंक से ऋण लेते है, उनका पीएम एफबीवाई के तहत बीमा अनिवार्य है. सब्जी उत्पादन के लिये WBCIS बीमा और सामान्य धान गेहूं की फसल के लिये पीएम एफबीवाई बीमा किया जाता है. सब्जी की खेती करने वालों के लिए WBCIS है. इनके लिए एजेंसी निर्धारित होती है. ये केंद्र और राज्य मिलकर करते हैं.
सरगुजा के किसानों की फसल बीमा में नहीं रुचि (ETV Bharat Chhattisgarh)
इस साल 99 हजार से ज्यादा किसानों का बीमा: चीफ सुपर वाइजर बीकेपी सिंह बताते हैं किक्रॉप इंश्योरेंस सरगुजा के पांच जिलों में 99 हजार 494 किसानों ने अपना बीमा करवाया है. 10 करोड़ 5 लाख का प्रीमियम बीमा के लिये दिया गया है. 653 किसानों ने बीमा को लेकर असहमति का फार्म दिया है. क्योंकि बीमा सहमति का विषय है. उनमे बीमा को लेकर अरुचि है क्योंकि अगर किसानों को समय पर क्लेम मिलता तो ऐसा नहीं होता. कुछ किसानों से भी बातचीत की तो उनको इस योजना के विषय में ज्यादा कुछ पता ही नहीं है और ना ही उनको कभी क्षतिपूर्ति मिली है.
सरगुजा के किसानों के साथ फसल बीमा के नाम पर मजाक (ETV Bharat Chhattisgarh)
कमलेश्वरपुर क्षेत्र में बड़ा हास्यास्पद मामला आया कि वहां किसानों को बीमा क्षतिपूर्ति 11 रुपये 15 पैसा, 1 रुपये 40 पैसा, 10 रुपये 18 पैसा क्षतिपूर्ति आया. इसमे बीमा कंपनी से बात हुई .उनका एक रेसयो होता है वो उस परसेंटेज के आधार पर भुगतान करते हैं:बीकेपी सिंह, चीफ सुपर वाइजर, जिला सहकारी बैंक
फसल बीमा योजना क्या है:चीफ सुपर वाइजर बताते हैं कि फसल बीमा किसानों को हर तरह की क्षति से बचाता है. बीमा के संबंध में जागरूकता का अभाव होने की बात सामने आई है. इस साल कई कार्यक्रम चलाकर किसानों को जागरूक किया गया है. बीमा सिर्फ खेत नहीं बल्कि खलिहान को भी कवर करता है. फसल बीमा में राशि मिलना ग्राम पंचायत स्तर पर होता है. ग्राम पंचायत स्तर में यदि 30 से 40 प्रतिशत किसानों को नुकसान होता है, जबकि खलिहान में भी फसल बीमा का लाभ मिलता है.
सरगुजा के 6 हजार से ज्यादा किसानों ने नहीं कराया फसल बीमा: बीकेपी सिंह ने बताया कि किसानों में बीमा के प्रति अरूचि है. क्योंकि हर साल किसानों को प्रीमियम जमा करना पड़ता है.इस साल 6053 किसानों ने बीमा को लेकर असहमति जताते हुए फॉर्म भरा है. किसानों ने बताया कि उन्हें बीमा नहीं कराना है.