प्रयागराज :नामी स्कूल में बच्चे का एडमिशन कराने के लिए एक ट्यूशन टीचर फर्जी आईएएस बन गई. उसने स्कूल को दाखिले के लिए मेल भेजा, जब कोई रिस्पांस नहीं मिला तो वह खुद को आईएएस बताकर पुलिस अफसरों पर भी रौब झाड़ने लगी. वह उनसे स्कूल पर दाखिले के लिए दबाव बनाने के लिए कह रही थी. शक होने पर पुलिस ने जांच शुरू की तो पूरी सच्चाई सामने आ गई. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने पुलिस को कई अहम जानकारियां दीं.
एक लाख रुपये में लिया था ठेका :एसीपी स्वैताभ पांडेय ने बताया कि कैंट थाना क्षेत्र में सर्किट हाउस के नजदीक रहने वाली महिला ट्यूशन पढ़ाकर घर का खर्च चलाती है. जल्दी अमीर बनने के लिए महिला नामी स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराने का ठेका लेकर उनके अभिभावकों से सौदा करती है. महिला ने शहर के एक नामचीन स्कूल में एक बच्चे का दाखिला करवाने का ठेका एक लाख रुपये में लिया था.
स्कूल ने नहीं दिखाई गंभीरता :महिला ने एडमिशन के लिए स्कूल प्रशासन को ई-मेल के जरिए डिटेल भेजी. खुद को कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल का पीएस (पर्सनल सेक्रेटरी) आईएएस अधिकारी निधि पांडेय बताया. स्कूल ने मेल को गंभीरता से नहीं लिया. बच्चे का दाखिला न होने पर महिला टीचर खुद को आईएएस अफसर बताकर पुलिस अधिकारियों पर भी रौब गांठने लगी.
मंत्री के कार्यालय से मिली जानकारी ने खोली पोल :डीसीपी सिटी से लेकर इलाके के एसीपी और इंस्पेक्टर तक को कॉल करने लगी. महिला बच्चे के दाखिल के लिए अफसरों के माध्यम से स्कूल पर दबाब बनाना चाहती थी. लगातार कॉल आने की वजह से पुलिस अधिकारियों को महिला पर शक होने लगा. लखनऊ स्थित मंत्री के कार्यालय से जानकारी करने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया.