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गौ तस्करों पर चला मोहन यादव का चाबुक, कलेक्टर को दे दी फुल पावर, फंसे तो इतने साल की जेल - MP Cow Slaughter Prohibition Law

गौवंश वध प्रतिषेध संशोधित कानून के तहर सारी पावर कलेक्टर को दे दी गई है. अब अगर पुलिस किसी तस्कर को पकड़ती है तो उसे पहले कलेक्टर कोर्ट में पेश करना होगा. आरोप तय हो जाने पर 7 साल की सजा का प्रावधान है.

MP COW SLAUGHTER PROHIBITION LAW
गोवंश वध प्रतिषेध संशोधित कानून का गजट नोटिफिकेशन जारी (Getty Image)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 18, 2024, 10:41 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में जल्द ही गौवंश वध प्रतिषेध संशोधित कानून लागू हो जाएगा. राज्य सरकार ने रविवार को इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया. 20 साल पुराने कानून में दो संशोधन किए गए हैं. मोहन यादव सरकार द्वारा मानसून सत्र में पेश किया गया विधेयक, विधानसभा में पास हो गया था. राज्यपाल ने 16 अगस्त को इस अधिनियम को मंजूरी दे दी थी. यह कानून लागू होने से प्रदेश में अब गौ तस्करों के पर नकेल कसने में और मदद मिलेगी.

गजट नोटिफिकेशन जारी (ETV Bharat)

20 साल पहले लागू हुआ था कानून

मध्य प्रदेश में गौवंश की तस्करी और उनके वध पर लगाम लगाने के लिए 20 साल पहले 2004 में सबसे पहले मध्य प्रदेश में गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम लागू किया गया था. अब इस कानून में संशोधन किया गया है. इस अधिनियम में दो महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं. अब ऐसे मामलों में कलेक्टर को पावर दे दी गई है. गौवंश की तस्करी करते किसी वाहन को पकड़ा जाता है, तो ऐसे मामलों को तब तक कोर्ट में पेश नहीं किया जाएगा, जब तक इस मामले में जिला कलेक्टर द्वारा कोई कार्रवाई नहीं कर दी जाती.

आरोपी को कलेक्टर कोर्ट में किया जाएगा पेश

इसके अलावा 4 या इससे ज्यादा गौवंश को तस्करी और वध की मंशा से ले जाते समय यदि किसी वाहन को पकड़ा जाता है तो तस्कर कलेक्टर कोर्ट के अलावा अपने वाहन को प्राप्त करने के लिए कोर्ट नहीं जा सकता. नए नियमों के तहत पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करेगी और कलेक्टर कोर्ट में इसे पेश किया जाएगा. अभी तक पुलिस ऐसे मामलों में कार्रवाई कर इसे कोर्ट में पेश करती थी, जहां से वाहन मालिक ऐसे वाहनों की सुपुर्दगी ले लेते थे. नए कानून में अपराध साबित हो जाने पर 7 साल की सजा का प्रावधान है.

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विधानसभा में पेश हुआ था संशोधन अधिनियम

मोहन सरकार ने मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में यह संशोधन अधिनियम पेश किया था. इस अधिनियम के दौरान पक्ष-विपक्ष में तीखी नोंकझोंक भी हुई थी, लेकिन उसके बाद इसको पास कर दिया गया था. दो दिन पहले राज्यपाल ने भी इसको मंजूरी दे दी थी. अब सरकार ने गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. जल्द ही यह कानून लागू हो जाएगा.

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