पिथौरागढ़: विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) शंकर राज की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी पाते हुए 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 1.20 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड अदा नहीं करने पर दोषी को पांच वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत ने बताया कि मामला वर्ष 2019 का है जिला मुख्यालय के नजदीक सिलौली निवासी शिक्षा विभाग में बाबू पद पर तैनात व्यक्ति किराए के मकान में रहता था.इस दौरान पास की रहने वाली एक नाबालिग को अपने कमरे में बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म घटना को अंजाम दिया. आरोपी पीड़िता को धमकाते हुए उसको ब्लैकमेल कर कई बार शारीरिक संबंध बनाए, जिससे वह गर्भवती हो गई.पीड़िता के बीमार होने पर परिजनों को मामले का पता चलने के बाद उन्होंने आरोपी के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी.
पूरे मामले में पिथौरागढ़ पुलिस आरोपी के खिलाफ आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ पॉक्सो सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया. जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया था. विशेष सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने रिपोर्ट में सभी पक्षों, गवाहों को सुनने और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी शिक्षा विभाग के कर्मचारी को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष कठोर कारावास और एक लाख 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. धारा 506 के तहत सात वर्ष कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है. उन्होंने जुर्माने की राशि से 1.10 लाख रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं. मामले की पैरवी डीजीसी फौजदारी प्रमोद पंत और एडीजीसी प्रेम भंडारी ने की. आरोपी वर्तमान समय में जेल में बंद है.