पौड़ी: पूरे प्रदेश में 23 जनवरी को निकाय चुनाव होने हैं. चुनाव में जीत का परचम लहराने के लिए सभी पार्टियों के प्रत्याशी, कार्यकर्ता और पदाधिकारी जनता को लुभाने में जुटे हुए हैं. इसी बीच जनता ऐसे उम्मीदवारों को चुनना चाहती है, जो उनकी समस्याओं का समाधान कर सके. पौड़ी शहर की कुछ ऐसी मूलभूत समस्याएं हैं, जिनका आज तक समाधान नहीं हो पाया है. नगर पालिका में अब तक पांच नगर पालिका अध्यक्ष विराजमान हो चुके हैं, लेकिन इन समस्याओं का आज तक समाधान नहीं हो पाया है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि पौड़ी शहर में कूड़े के समाधान को लेकर तमाम वादे किए जाते हैं, लेकिन आज तक कूड़ा निस्तारण को लेकर कोई भी कार्य योजना तैयार नहीं हुई है. शहर के चोपड़ा गधेरे में कूड़े को देखकर पर्यटकों में गलत संदेश जाता है. उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा ना होने के कारण पौड़ी से लगातार पलायन हो रहा है, जिससे शहर और पास के इलाके लगातार खाली होते जा रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि जिला अस्पताल पौड़ी में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती हो. साथ ही विभिन्न कोचिंग इंस्टीट्यूट खोले जाएं, जिससे युवाओं को शहर में ही अच्छी कोचिंग मिल सके. शहर में नगर पालिका की विभिन्न बिल्डिंग खाली पड़ी हैं, जहां पर बड़े-बड़े इंस्टीट्यूट को आमंत्रित किया जा सकता है, जिससे पौड़ी के बच्चे यहीं पर बेहतर कोचिंग ले सकें.
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर लंबे समय से जंगली जानवरों का आतंक बना हुआ है. बंदरों के आतंक से लोग काफी परेशान हैं. बंदर लोगों के घरों के अंदर घुसकर उनके सामानों को तबाह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग खेती करना चाहते हैं, उनकी खेती को जंगली जानवर बर्बाद कर रहे हैं. पर्यटन की दृष्टि से तमाम वादे किए जा रहे हैं, लेकिन विकास के नाम पर यहां पर शून्य है. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां पर रोपवे का निर्माण करवाया जाए.
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