रांचीः झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा यानी सीजीएल को लेकर उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. आयोग द्वारा चयनित 2231 अभ्यर्थियों का आगामी 16 दिसंबर से सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन होना है. लेकिन जिस तरह से एक बार फिर विवाद बढ़ा है उससे साफ लग रहा है कि यह फिलहाल शांत होनेवाला नहीं है.
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों ने सोमवार 16 दिसंबर से जेएसएससी कार्यालय का घेराव की घोषणा करके आयोग और जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी है. इन सबके बीच झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने शनिवार 14 दिसंबर को सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे अफवाह पर नाराजगी जताई. आयोग का कहना है कि प्रमाण पत्रों की जांच हेतु चयनित 2231 उम्मीदवार में से 2145 अभ्यर्थी झारखंड के निवासी हैं यानी 96 फीसदी अभ्यर्थी झारखंड के चयनित हुए हैं.
आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता और परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार लाल ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि यह परीक्षा कदाचार मुक्त एवं निष्पक्ष ढंग से 21 और 22 सितंबर को आयोजित हुआ है. जिस तरह से कुछ लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाकर विद्यार्थियों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है वह ठीक नहीं है. परीक्षा में हुए कदाचार से संबंधित आरोप पर छात्रों को पांच बार साक्ष्य उपस्थित करने के लिए मौका दिया गया.
इसको लेकर एक ब्लैंक सीडी और पेन ड्राइव समर्पित किया गया जिसमें कुछ भी नहीं था. इसके बावजूद शिकायतकर्ताओं को शपथ पत्र के साथ मूल मोबाइल एवं वीडियो समर्पित करने का नोटिस दिया गया. जिसका अनुपालन नहीं किया गया, जांच के क्रम में वीडियो एवं फोटो जो मिले हैं वह एडिटेड हैं. इसे प्रमाणित होता है कि जानबूझकर छात्रों को उकसाने का काम किया जा रहा है.
आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया में यह भी अफवाह फैलाया जा रहा है कि झारखंड से बाहर के अभ्यर्थियों को बड़ी संख्या में पास किया गया है जो पूर्णतया निराधार है. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए जारी की गई सूची में अनुसूचित जनजाति के लगभग 30% अनुसूचित जाति के लगभग 12% अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लगभग 22% एवं पिछड़ा वर्ग के लगभग 19% यानी कुल मिलाकर 83.5 प्रतिशत आरक्षण कोटि से आने वाले अभ्यर्थी शामिल हैं. चयनित अभ्यर्थियों में कई ऐसे आरक्षित कोटि के अभ्यर्थी हैं जो सामान्य श्रेणी में भी चयनित किए गए हैं.
जेएसएससी के पदाधिकारी को मिला ईमेल, जान से मारने की धमकी
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के पदाधिकारी को सीजीएल परीक्षा से जुड़े मामले में एक ईमेल के जरिए जान से मारने की धमकी आया है. जिसके बाद से आयोग कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है. धमकी भरे इस ईमेल की जानकारी देते हुए आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि इस ईमेल में आयोग के पदाधिकारी को भद्दी-भद्दी गलियों के साथ गोली मारने की धमकी दी गई है. धमकी भरे इस ईमेल के मिलने के बाद इसकी सूचना पुलिस पदाधिकारी को दी गई है.
इस धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नामकुम चौक से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग दफ्तर पहुंचने के रास्ते में कई स्थानों पर पुलिस की बैरिकेडिंग लगाई गयी है. शनिवार शाम आईजी पुलिस आयोग कार्यालय पहुंचे और 16 दिसंबर यानि सोमवार से शुरू हो रहे छात्रों के आंदोलन और सीजीएल परीक्षार्थियों के सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन के दौरान कोई बाधा न पहुंचे इसको लेकर की गई तैयारी का जायजा लिया. आयोग कार्यालय के बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर सोमवार सुबह 8:00 बजे से भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात करने की तैयारी की गई है.