नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों सिविल लाइन्स स्थित सरकारी आवास को खाली किया था, उस पर मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा जबरन कब्जा करने का आरोप विपक्ष ने लगाया है. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अभी अधिकृत रूप से वह सरकारी आवास अरविंद केजरीवाल द्वारा खाली करके पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर ही नहीं किया गया. ऐसे में आतिशी कैसे रह सकती है? उन्होंने विवादित सरकारी आवास को सील करने की मांग की है.
गुप्ता का कहना है कि जब मुख्यमंत्री आतिशी को सरकारी आवास AB-17 मथुरा रोड पहले से ही आवंटित है, उसके बावजूद सिविल लाइन्स के सरकारी आवास पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा जमाए बैठी हैं. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आवास की चाबी सौंपने के बजाय आतिशी को क्यों दी? आम आदमी पार्टी की सरकार के अधिकारी जानबूझकर इस गैरकानूनी कब्जे को संरक्षण दे रहे हैं. वे पीडब्ल्यूडी विभाग से मांग करते हैं कि सरकारी आवास को तुरंत सील किया जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए.
पीडब्ल्यूडी आवास का करेगी इन्स्पेक्शन: उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने सरकारी आवास को लोक निर्माण विभाग को सौंपने में जानबूझकर बाधा डाल रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि इस आवास (शीशमहल) को सौंपने के बाद पीडब्ल्यूडी उनके घर का इन्स्पेक्शन करेगी, ताकि वहां रखे सामान की सूची बनाई जा सके. गुप्ता ने कहा कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है. ताकि 'शीश महल' घोटाले में आवश्यक जांच को रोका जा सके जो कि खुद उनके निर्देश पर की गई है.
6 अक्टूबर 2024 को पीडब्ल्यूडी के पत्र में खुलासा हुआ कि सिविल लाइन्स के 6, फ्लैग स्टाफ रोड की चाबियां बिना किसी स्पष्ट कारण के पीडब्ल्यूडी को सौंपने के बजाय उनके निजी स्टाफ, प्रवेश रंजन झा को सौंपी गईं. इस पत्र में कहा गया कि जैसा कि आपको पता है. 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित आवास के निर्माण के संबंध में विजिलेंस की जांच चल रही है. लिहाजा पीडब्ल्यूडी के लिए घर का निरीक्षण करना और घर में मौजूद सामान की विस्तृत सूची तैयार करना आवश्यक है, इससे पहले कि घर को नए सिरे से आवंटित किया जाए.