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जमरानी कॉलोनी के पुराने मकान गिराने के दौरान हादसा, ठेकेदारी कर रहे छात्र की मलबे में दबकर मौत - Kathgodam contractor died

Student contractor died in Kathgodam काठगोदाम में एक दर्दनाक हादसा हुआ है. जमरानी कॉलोनी के पुराने आवास गिराते समय मलबे में दबकर युवक की मौत हो गई. विक्रम नाम का युवक पढ़ाई करने के साथ छोटी-मोटी ठेकेदारी करके अपने घर का खर्च चलाता था. रविवार को पुराने आवास गिराते समय वो मलबे के नीचे दब गया. इस हादसे के बाद बड़े ठेकेदार का निर्दयी चेहरा भी सामने आया जिसने घायल को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया.

Student contractor died in Kathgodam
काठगोदाम हादसा (Photo- Kathgodam Police)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 10, 2024, 9:09 AM IST

हल्द्वानी:काठगोदाम थाना क्षेत्र अंतर्गत दमुवाढूंगा में जमरानी कॉलोनी के पुराने सरकारी आवास गिराने में जुटे ठेकेदार दीवार और छत गिरने से नीचे दब गया. इससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि काम कर रहा ठेकेदार हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज में एमए तृतीय वर्ष का छात्र था. छात्र की मौत के बाद से परिवार में कोहराम में मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि छात्र पढ़ाई के साथ-साथ परिवार चलाने के लिए ठेकेदारी का काम भी करता था. घटना रविवार दोपहर बाद की बताई जा रही है.

मकान का मलबा गिरने से युवक की मौत:जानकारी के मुताबिक गौलापार दानीबंगर किशनपुर निवासी विक्रम सिंह बिष्ट उर्फ वकील (24) पुत्र डूंगर सिंह बिष्ट एमबीपीजी में एमए तृतीय वर्ष का छात्र था. परिवार की माली हालत खराब थी और इसलिए वह काम भी करता था. इन दिनों वह दमुवाढूंगा स्थित जमरानी कॉलोनी के पुराने सरकारी आवास गिराने का काम कर रहा था. बताया जाता है कि मुख्य ठेकेदारों ने उसे ठेका दिया था.

पुराना मकान गिराते समय हुआ हादसा:बताया जा रहा है कि विक्रम रविवार की रिश्ते के भाई वीरेंद्र और हरीश के साथ जमरानी कॉलोनी गया था. तीनों ने मजदूरों के साथ काम भी किया. ये लोग यह देख रहे थे कि मकान की ईंटें सही सलामत निकल आएं. साथियों की मानें तो दोपहर खाना खाने के लिए सभी कॉलोनी से बाहर आ गए. लेकिन विक्रम अंदर ही रह गया. तभी अचानक कॉलोनी की दो मंजिला छत ढह गई और विक्रम दीवार और छत के बीच में दब गया. विक्रम की चीख और छत गिरने की आवाज सुनकर आनन-फानन में वीरेंद्र और हरीश के साथ अन्य लोग मौके पर पहुंच गए. देखा तो कॉलोनी की छत विक्रम की पीठ पर और पेट दीवार पर टिका था.

पढ़ाई के साथ ठेकेदारी करके घर चलाता था विक्रम:आनन-फानन में लोगों ने उसे निकालने की कोशिश शुरू की. लेकिन बात नहीं बनी. जिसके बाद मौके पर जेसीबी को बुलाया गया. बुरी तरह लहूलुहान विक्रम को बाहर निकाला गया. साथी उसे आनन-फानन में डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय लेकर पहुंचे. वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पंचनामा भरने के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. बताया जा रहा है कि जिस समय हादसा हुआ है विक्रम के साथ वह ठेकेदार भी वहां अपनी लग्जरी कारों के साथ मौजूद थे, जिन्होंने विक्रम को ठेका दिया था.

कार में खून लगने के डर से घायल को नहीं पहुंचाया अस्पताल: जेसीबी और लोगों की मदद से लहूलुहान विक्रम को निकाला गया. लेकिन एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची थी. लोग ठेकेदारों से उनकी लग्जरी कार से विक्रम को अस्पताल ले जाने की गुहार लगाते रहे लेकिन ठेकेदार ने कहा कि गाड़ी में खून लगकर वो खराब हो जाएगी. इस कारण वो लोग घायल विक्रम को अस्पताल तक नहीं ले गए. इसके बाद मजदूरों ने हंगामा भी किया. घायल अवस्था में विक्रम को साथियों ने बाइक से ले जाने की कोशिश की. लेकिन हालत गंभीर होते देखा एक व्यक्ति अपनी कार में सुशीला तिवारी अस्पताल ले गया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. डॉक्टर ने विक्रम को मृत घोषित कर दिया.

हादसे की खबर सुनकर विक्रम के माता-पिता भी अस्पताल पहुंच गए. बताया जा रहा है कि विक्रम के पिता को पैरालिसिस है. भाई और बहन घर में रहते हैं. घटना के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है. परिवार में कमाने वाला सिर्फ विक्रम था. परिवार का खर्च चलाने के लिए छोटी-मोटी ठेकेदारी लेकर काम करता था.
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