उत्तरकाशी: नगर पालिका परिषद बाडाहाट में भाजपा के अध्यक्ष प्रत्याशी किशोर भट्ट जनता से ज्यादा अपनों से हार गए. खासकर पार्टी के विधायक से लेकर पूर्व विधायक और बड़े नेताओं की फौज के बावजूद भाजपा प्रत्याशी निर्दलीय से चुनाव हार गए. स्थिति यह रही कि भाजपा के दिग्गज अपने वार्डों में अध्यक्ष तो दूर पार्षदों को भी बढ़त नहीं दिला पाए
बाडाहाट नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद के चुनाव परिणाम ने उत्तरकाशी में भाजपा दिग्गजों के साथ ही संगठन की हकीकत की पोल खोल दी. यहां अध्यक्ष पद पर पार्टी ने किशोर भट्ट को मैदान में उतारा था, लेकिन नामांकन के दिन से ही यहां बड़े दिग्गजों पर भितरघात के आरोप लगने शुरू हो गए थे. खासकर बड़े नेता जहां पार्टी प्रत्याशी के साथ खड़े दिखे, वहीं, उनके सिपाह-सलाहकार निर्दलीय प्रत्याशी के लिए काम करते रहे. यही नहीं पार्टी के दिग्गज नेता, यहां तक विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व राज्यमंत्री, दो पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष समेत अन्य नेता बूथ तक नहीं जीता पाए. इसके पीछे साफ कारण रहा कि दिग्गज पार्टी प्रत्याशी के साथ बाहरी मन से तो खड़े रहे, लेकिन अंदर से कुछ और ही खिचड़ी पकती रही. इसमें कुछ के खास समर्थक तो निर्दलीय के साथ खुलेआम प्रचार करते रहे. कुछ ने अंदरखाने काम कर भाजपा प्रत्याशी को हराने में कोई कमी नहीं छोड़ी. यही नहीं पार्टी संगठन से जुड़े कुछ नेताओं ने भी भीतरघात और पार्टी प्रत्याशी को हराने का षड्यंत्र रचा. इसमें पार्टी प्रत्याशी के टिकट के बाद जिस तरह से पार्षद प्रत्याशियों के टिकट बांटे गए, वह भी हार के बड़े कारण बने.
यहां पार्टी से 11 पार्षदों में से मात्र 2 ने जीत दर्ज कराई, जबकि निर्दलीय जीतने वाले पार्षद भी पार्टी पृष्ठ भूमि से जुड़े थे. बहरहाल, बाडाहाट नगर पालिका सीट पर न केवल पार्टी प्रत्याशी की हार हुई, बल्कि बड़े नेताओं की साख पर सवाल खड़े हुए हैं. इससे भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी में दिग्गजों की फौज के बावजूद पार्टी प्रत्याशी की हार किसी के गले नहीं उतर रही है.
बता दें उत्तरकाशी। नगरपालिका बाड़ाहाट में निर्दलीय प्रत्याशी भूपेंद्र चौहान ने भाजपा को शिकस्त देकर तीन हजार से अधिक मतों से दूसरी बार जीत का परचम लहराया है। निर्दलीय प्रत्याशी भूपेंद्र चौहान ने भाजपा प्रत्याशी किशोर भट्ट को 3313 मतों के भारी अंतर से हराया है। भूपेंद्र को 8383 और किशोर को 5070 मत मिले हैं। तो वहीं कांग्रेस के दिनेश गौड़ को 706 मत ही मिल पाए। भूपेंद्र चौहान भाजपा से बागवत कर चुनाव मैदान में उतरे थे।
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