बीकानेर:शहर की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी बीकानेर की रेल फाटकों की समस्या को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को कोटगेट पर धरना दिया. धरने के बाद कांग्रेसी नेताओं ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि शहर के कोटगेट और सांखला रेल फाटक की समस्या के समाधान को लेकर 15 दिन में इस सरकार ने कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया तो रेल रोको आंदोलन किया जाएगा. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि वित्तीय स्वीकृति होने के बावजूद भाजपा सरकार में इस पर काम नहीं हो रहा.
शहर कांग्रेस जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने बताया कि रेल फाटकों ने शहरवासियों को परेशान कर रखा है. इस मामले में बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ता कोटगेट पर एकत्र हुए और प्रदर्शन किया. इसके बाद कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया.
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कांग्रेस सरकार में जारी हुई थी राशि: उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हमेशा इस मुद्दे पर प्रयास किया, लेकिन भाजपा सरकार ने इस रेल फाटक की समस्या के निदान की बजाय इसको अटकाने का काम किया. गहलोत ने कहा कि राजस्थान की पिछली कांग्रेस सरकार ने यहां एलिवेटेड रोड बनाने के लिए 36 करोड़ रुपए स्वीकृत किए, लेकिन भाजपा सरकार के 14 माह में भी यह काम चालू नहीं हो पाया. गहलोत ने कहा कि इससे पहले भी 2003 में अशोक गहलोत की सरकार के समय 64 करोड़ रुपए रेल बाइपास को लेकर दिए गए थे, लेकिन उसके बाद आई भाजपा सरकार के समय यह पैसा तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालावाड़ लेकर चली गई.
अब रेल रोकने के अलावा कोई उपाय नहीं: शहर अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने कहा कि रेल फाटक की समस्या से आमजन बुरी तरह से प्रभावित है और दिन में कई बार यह रेल फाटक बंद होता है. लोगों को गर्मी, सर्दी और बारिश में भी यहां घंटे तक इंतजार करना पड़ता है, लेकिन आम लोगों की सुनने वाला कोई नहीं है और इस बार कांग्रेस ने यह तय कर लिया है कि यदि इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो हम आंदोलन को उग्र करेंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 15 दिन में इस समस्या के समाधान को लेकर प्रशासन और सरकार ने कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया तो इस फाटक पर रेल रोको आंदोलन चलाएंगे.