SSP अजय सिंह पर बदसलूकी के गंभीर आरोप. देहरादूनः पुलिस मुख्यालय में आज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पहुंच कर हंगामा किया. दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में कल उत्तराखंड पहुंच रहे हैं. इसको लेकर देहरादून के पुलिस लाइन में मल्लिकार्जुन खड़गे के हेलीकॉप्टर को उतारे जाने की अनुमति कांग्रेस द्वारा मांगी गई थी. लेकिन इसमें अनुमति नहीं होने के चलते पार्टी के नेता एसएसपी देहरादून और जिला प्रशासन से लगातार संपर्क कर रहे थे.
आरोप है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं के देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने फोन नहीं उठाए. इसी नाराजगी के साथ जब कांग्रेस के बड़े नेता कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस मुख्यालय में आ धमके, तब एसएसपी अजय सिंह ने यशपाल आर्य और करन माहरा के साथ बदसलूकी की.
यशपाल आर्य का कहना है कि एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने उनके साथ गलत तरीके से बातचीत की और बेहद खराब व्यवहार किया. बड़ी बात यह है कि यशपाल आर्य ने अब एसएसपी अजय सिंह के खिलाफ इस मामले को विधानसभा सत्र में उठाने और विशेष अधिकार हनन का मामला भी सत्र के दौरान रखने की बात कही है.
उधर हंगामा करने के दौरान पुलिस ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को डीजीपी कार्यालय के बाहर से बलपूर्वक मुख्यालय से बाहर किया. हालांकि इस मामले को एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने संभाला और हेलीकॉप्टर को उतारे जाने की अनुमति को लेकर जल्द अनुमति देने का भरोसा दिलाया. इसके बाद जाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के हेलीकॉप्टर को देहरादून के पुलिस लाइन ग्राउंड में उतारे जाने की अनुमति दे दी गई.
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इस मामले को लेकर एसएसपी देहरादून से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका नंबर नहीं मिल पाया. उधर दूसरी तरफ एक बार फिर उत्तराखंड के अधिकारी कांग्रेस के निशाने पर हैं और उनके कारण सरकार की किरकिरी हो रही है. इससे पहले भी विधानसभा में कुछ अधिकारियों के गलत व्यवहार को लेकर विशेषाधिकार हनन का मामला आ चुका है और इस पर विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से भी अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए थे. लेकिन जिस तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने देहरादून के एसएसपी पर आरोप लगाए हैं, उससे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं. उधर इस मामले में कहा जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा देरी से हेलीकॉप्टर को पुलिस लाइन में उतारे जाने की अनुमति मांगी गई. ऐसे में इतनी जल्दी अनुमति मिलना मुश्किल था.