जबलपुर: जबलपुर हाईकोर्ट ने अपने एक अहम आदेश में कहा है कि कबूलनामा को विश्वसनीयता की कसौटी पर खरा होना चाहिए. जस्टिस विवेक अग्रवाल तथा जस्टिस देव नारायण मिश्रा की युगलपीठ ने तीन दशक पूर्व जिला न्यायालय द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा को पलटते हुए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया. अपील के लंबित रहने के दौरान एक आरोपी की मौत होने के कारण उसका नाम हटा दिया गया था.
जिला अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी
हत्या के आरोप में सजा से दंडित किये जाने की सजा के खिलाफ आरोपियों ने साल 1995 में क्रिमिनल अपील दायर की थी. अपील के अनुसार मुन्ना की हत्या के आरोप में पुलिस ने मनोज राठौर व शिवनारायण राठौर को गिरफ्तार किया था. जिला न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. अपील के लंबित होने के दौरान मनोज की मृत्यु हो गई थी.