रांची:ओरमांझी थाना इलाके में एक दिव्यांग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म की घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया है. 12 वर्षीय बच्ची को दरिंदों ने कार में बैठाकर घंटे तक दुष्कर्म किया और फिर अधमरे स्थिति में सड़क किनारे फेंक दिया. जब आम लोगों की नजर बच्ची पर पड़ी तो लोगों ने उसे बेहतर इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया.
रिम्स में करीब तीन दिनों तक इलाज चलने के बाद बच्ची का सर्जरी की गयी. रिम्स के वरिष्ठ पेडियाट्रिक सर्जन डॉक्टर अभिषेक कुमार की निगरानी में बच्ची का जटिल ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन होने के बाद रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ राजीव रंजन ने बताया कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट्स से लगातार ब्लीडिंग हो रही थी, जिसे वरिष्ठ पेडियाट्रिक सर्जन अभिषेक कुमार के द्वारा सर्जरी कर ब्लीडिंग को रोका गया. तब जाकर धीरे-धीरे बच्ची की स्थिति में सुधार हो रही है.
वहीं, अस्पताल में बच्ची की देखरेख कर रही बच्ची की मां ने बताया कि उसे दो बेटी और दो बेटा है. बड़ी बेटी के साथ अपराधियों ने कुकर्म कर उसके पूरे परिवार को झकझोर दिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए पीड़िता की मां ने बताया कि जिन अपराधियों ने उसके बच्ची के साथ दुष्कर्म किया है उसे पुलिस कड़ी से कड़ी सजा दे. ताकि फिर कोई छोटी बच्ची उन दरिंदों के हाथ न लग सके.
पीड़िता की मां ने सरकार से मुआवजे और सुरक्षा की मांग की है. पीड़िता की मां ने कहा कि वह एक गरीब महिला है और उसके पति का भी देहांत हो गया है. पिछले सात वर्षों से वह अकेले ही अपने चारों बच्चों का पालन पोषण कर रही है. सुबह से लेकर शाम तक मजदूरी करती है तब जाकर देर रात खाना बन पाता है. मजदूरी करने की वजह से दिनभर वह घर में नहीं रह पाती और उसके बच्चे अकेले ही रहते है. इसी का फायदा उठाते हुए दरिंदों ने उसकी बच्ची को सड़क से उठा लिया और दुष्कर्म कर आज उसे इस हालत में छोड़ दिया.