पाकुड़: राज्य के गिरिडीह में पत्रकारों पर हुए जानलेवा हमले की संथाल परगना के आम सहित खास लोगों ने न केवल कड़ी निंदा की है बल्कि अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम रही पुलिसिया सिस्टम पर भी सवाल खड़ा किया है. गिरिडीह में ईटीवी भारत के पत्रकार अमरनाथ सिन्हा पर हुए जानलेवा हमले में शामिल अपराधियों को संरक्षण देने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
अधिवक्ता, पत्रकार सहित आम लोगों ने ऐसी घटना की पुनरावृति न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाने की भी मांग सरकार से की है. बुद्धिजीवियों ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का काम सरकार की नाकामियों एवं लोगों की दिक्कतों को प्रमुखता से उठाना है. इस दौरान भ्रष्टाचार, अपराध, अफसरशाही में शामिल लोगों द्वारा अगर चौथे स्तंभ पर ही हमला कर दिया जाए तो जनमानस की आवाज कौन उठाएगा. लोगों ने कहा कि जनता की आवाज को उठाने और जन अधिकारों को छीनने वाले लोगों के खिलाफ प्रमुखता से खबर दिखाने और प्रकाशित करने वाले पत्रकारों को सुरक्षा की गारंटी देना सरकार की जवाबदेही है.
पाकुड़ से इनकम टैक्स के अधिवक्ता सह वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिन्हा ने कहा कि गिरीडीह या देश के अन्य राज्यों में इस तरह की घटनाएं बढ़ रहीं हैं. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर जो घात होता चला जा रहा है, ये बहुत ही दुखद है और इसकी घोर निंदा की जानी चाहिए. इस तरह की घटनाएं कम हो इस पर प्रयास केंद्र एवं राज्य सरकार को मिलकर करना चाहिए. अधिवक्ता ने कहा कि देश में पत्रकारों के लिए प्रेस एक्ट तो बना दिया गया, लेकिन उसमें सुरक्षा के बाबत कानून कड़े नहीं किए गए उसमें भी सुधार की आवश्यकता है.