जांजगीर चांपा :छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चाम्पा जिले से भगवान राम का बहुत करीब से नाता है. यहां प्रभु श्रीराम ने वनवास का अधिक समय बिताया है.मान्यता है यहां प्रभु श्री राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे. यहां एक पेड़ ऐसा है जिसके पत्तों की आकृति दोने के सामान है, माता शबरी ने इसी दोने में राम लक्ष्मण को बेर रख कर खिलाए थे, इस वट वृक्ष का वर्णन सभी युगों में मिलने के कारण इसे अक्षय वट वृक्ष के नाम से जाना जाता है।
गुप्त प्रयाग का रहस्य :जांजगीर-चांपा जिले की धार्मिक नगरी शिवरीनारायण को गुप्त प्रयाग कहा जाता है. यहां तीन नदी, महानदी, शिवनाथ और जोक नदी कर त्रिवेणी संगम है. शिवरीनारायण का नाम माता शबरी और नारायण के अटूट स्नेह के कारण पड़ा. भक्त का नाम नारायण के आगे रखा गया.बड़े मंदिर यानी नर नारायण मंदिर के पुजारी प्रसन्नजीत तिवारी ने बताया कि शिवरीनारायण को छत्तीसगढ़ के जगन्नाथपुरी के नाम से जाना जाता है.
'' इसी स्थान पर प्राचीन समय में भगवान जगन्नाथ स्वामी का मूल स्थान शिवरीनारायण रहा.आज भी साल में एक दिन माघी पूर्णिमा में भगवान जगन्नाथ शिवरीनारायण आते हैं, यहां मंदिर में रोहिणी कुण्ड है जिसका जल कभी कम नहीं होता, भगवान नर नारायण के चरण कुंड में जल हमेशा अभिषेक करता है.''- प्रसन्नजीत तिवारी,पुजारी