शिमला: हिमाचल में नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ ही चुनाव प्रचार ने भी जोर पकड़ लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू ने शिमला के तहत चौपाल विधानसभा क्षेत्र के कुपवी में विनोद सुल्तानपुरी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ये कोई साधारण चुनाव नहीं है. इससे भविष्य की राजनीति की दशा और दिशा तय होगी. हिमाचल से 1 जून को धनबल की राजनीति करने वालों के खिलाफ पूरे देश में संदेश जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जनता के वोट से चुनकर आए विधायकों को दिल्ली में बैठी सरकार नोट के दम पर खरीद ले तो जनता के वोट का क्या मूल्य रह गया है? इस बार का लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव सत्य व असत्य के बीच होने वाला है. उन्होंने कहा झूठ बार-बार सच के साथ टकराता है, लेकिन अंत में जीत केवल सत्य की ही होती है. आने वाला समय किसी पार्टी को नहीं, जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वालों को सबक सिखाने का है. सरकारें आती-जाती रहेंगी, इस बार नोट से वोट खरीदने वालों को सबक सिखाना है.
'ये चुनाव सरकार नहीं लोकतंत्र बचाने के लिए होगा'
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि देवभूमि हिमाचल की जनता बेईमानों का कभी साथ नहीं देती. हिमाचल देवी देवताओं की भूमि है, यहां के लोग ईमानदार हैं. वर्तमान चुनाव ईमानदारी की जीत और बेईमानी की हार को तय करेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के छह पूर्व व तीन आजाद विधायकों ने खुद को भाजपा की राजनीतिक मंडी में बेचा है, जिसके खामियाजा उन्हें जनता की अदालत में भुगतना होगा. सीएम सुक्खू ने कहा कि ये चुनाव मुख्यमंत्री की कुर्सी या सरकार बचाने का नहीं बल्कि लोकतंत्र को बचाने का है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को सत्ता का भूख होने के साथ ही वो प्रदेश के कर्मचारियों और महिलाओं के विरोधी भी हैं. कर्मचारियों के ओपीएस मांगने पर लाठियां बरसाई व वाटर कैनन चलवाईं. यही नहीं कर्मचारियों को चुनाव लड़ने के लिए कहा. वहीं, जब कांग्रेस सरकार ने ओल्ड पेंशन दे दी तो सरकार व कर्मचारियों के एनपीएस अंशदान के 9000 करोड़ रुकवाने के लिए दिल्ली पहुंच गए. केंद्र सरकार ने ओपीएस देने पर हिमाचल सरकार की कर्ज सीमा में कटौती कर दी और एनपीएस अंशदान की राशि भी नहीं दे रहे हैं.