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CPS मामले में सुक्खू सरकार के मंत्री का बयान, सुप्रीम कोर्ट जाना नहीं है अच्छा ऑप्शन

तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने CPS मामले में हाई कोर्ट के आदेशों का स्वागत किया है. डिटेल में पढ़ें खबर...

राजेश धर्माणी, तकनीकी शिक्षा मंत्री
राजेश धर्माणी, तकनीकी शिक्षा मंत्री (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 13, 2024, 10:33 PM IST

Updated : Nov 13, 2024, 10:39 PM IST

शिमला: हिमाचल हाई कोर्ट ने लंबे समय से चल रहे सीपीएस के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 6 CPS को तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुखविंदर सरकार के मंत्री राजेश धर्माणी की इस मामले पर प्रतिक्रिया आई है.

तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी कहा "हिमाचल में जब सीपीएस बनाए गए थे वे विधानसभा द्वारा पारित एक्ट के तहत बनाए गए थे इसलिए ये ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में नहीं आते हैं. ऐसे में इनकी विधायकी सुरक्षित है. हाई कोर्ट के जो आदेश हैं उन्हें मानना पड़ेगा." CPS मामले में हाई कोर्ट के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाने के मामले में मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा "यह अच्छा ऑप्शन नहीं है ये मेरी निजी राय है. बाकि इसको लेकर सरकार को तय करना है."

राजेश धर्माणी, तकनीकी शिक्षा मंत्री (ETV Bharat)

बीजेपी पर हमला बोलते हुए राजेश धर्माणी ने कहा बीजेपी को इस मामले पर बोलने का हक नहीं है. पूर्व भाजपा सरकार में नॉमिनेटेड लोगों की संख्या मौजूदा सरकार से 10 गुना ज्यादा थी. हमने नॉमिनेशन बहुत कम की है. हमने जो नॉमिनेशन की है उसमें करीब डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च हुआ है. हमने CPS को कानून के दायरे में रहकर नॉमिनेट किया था. हालांकि हमें हाई कोर्ट का फैसला मंजूर है.

बता दें कि हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना करते हुए प्रदेश सरकार ने सीपीएस के स्टाफ को हटाने सहित ऑफिस एकोमोडेशन के सभी आवंटन आदेश भी तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिए हैं. इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है.

ये भी पढ़ें: हाई कोर्ट के आदेश के बाद सुखविंदर सरकार ने हटाया सीपीएस का स्टाफ, अधिसूचना जारी

ये भी पढ़ें: CPS मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर CM सुक्खू का बयान, अभी मैनें पढ़ा नहीं है फैसला

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट के आदेश के बाद पद से हटे सुक्खू सरकार के 6 सीपीएस, ये सुविधाएं भी ली जाएंगी वापस

शिमला: हिमाचल हाई कोर्ट ने लंबे समय से चल रहे सीपीएस के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 6 CPS को तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुखविंदर सरकार के मंत्री राजेश धर्माणी की इस मामले पर प्रतिक्रिया आई है.

तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी कहा "हिमाचल में जब सीपीएस बनाए गए थे वे विधानसभा द्वारा पारित एक्ट के तहत बनाए गए थे इसलिए ये ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में नहीं आते हैं. ऐसे में इनकी विधायकी सुरक्षित है. हाई कोर्ट के जो आदेश हैं उन्हें मानना पड़ेगा." CPS मामले में हाई कोर्ट के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाने के मामले में मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा "यह अच्छा ऑप्शन नहीं है ये मेरी निजी राय है. बाकि इसको लेकर सरकार को तय करना है."

राजेश धर्माणी, तकनीकी शिक्षा मंत्री (ETV Bharat)

बीजेपी पर हमला बोलते हुए राजेश धर्माणी ने कहा बीजेपी को इस मामले पर बोलने का हक नहीं है. पूर्व भाजपा सरकार में नॉमिनेटेड लोगों की संख्या मौजूदा सरकार से 10 गुना ज्यादा थी. हमने नॉमिनेशन बहुत कम की है. हमने जो नॉमिनेशन की है उसमें करीब डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च हुआ है. हमने CPS को कानून के दायरे में रहकर नॉमिनेट किया था. हालांकि हमें हाई कोर्ट का फैसला मंजूर है.

बता दें कि हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना करते हुए प्रदेश सरकार ने सीपीएस के स्टाफ को हटाने सहित ऑफिस एकोमोडेशन के सभी आवंटन आदेश भी तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिए हैं. इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है.

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Last Updated : Nov 13, 2024, 10:39 PM IST
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