शिमला: हिमाचल हाई कोर्ट ने लंबे समय से चल रहे सीपीएस के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 6 CPS को तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुखविंदर सरकार के मंत्री राजेश धर्माणी की इस मामले पर प्रतिक्रिया आई है.
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी कहा "हिमाचल में जब सीपीएस बनाए गए थे वे विधानसभा द्वारा पारित एक्ट के तहत बनाए गए थे इसलिए ये ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में नहीं आते हैं. ऐसे में इनकी विधायकी सुरक्षित है. हाई कोर्ट के जो आदेश हैं उन्हें मानना पड़ेगा." CPS मामले में हाई कोर्ट के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाने के मामले में मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा "यह अच्छा ऑप्शन नहीं है ये मेरी निजी राय है. बाकि इसको लेकर सरकार को तय करना है."
बीजेपी पर हमला बोलते हुए राजेश धर्माणी ने कहा बीजेपी को इस मामले पर बोलने का हक नहीं है. पूर्व भाजपा सरकार में नॉमिनेटेड लोगों की संख्या मौजूदा सरकार से 10 गुना ज्यादा थी. हमने नॉमिनेशन बहुत कम की है. हमने जो नॉमिनेशन की है उसमें करीब डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च हुआ है. हमने CPS को कानून के दायरे में रहकर नॉमिनेट किया था. हालांकि हमें हाई कोर्ट का फैसला मंजूर है.
बता दें कि हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना करते हुए प्रदेश सरकार ने सीपीएस के स्टाफ को हटाने सहित ऑफिस एकोमोडेशन के सभी आवंटन आदेश भी तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिए हैं. इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है.
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