जयपुर. जयपुर मेट्रो-प्रथम की सिविल न्यायाधीश कोर्ट-दक्षिण ने अग्रवाल समाज समिति के 19 मई को हुए चुनाव मामले में समिति के अध्यक्ष सहित अन्य को अस्थायी निषेधाज्ञा से पाबंद किया है. साथ ही कोर्ट की ओर से निर्देश दिया गया कि वे मूल दावे के निस्तारण तक न तो किसी भी उम्मीदवार को विजयी घोषित करें और न ही कोई कार्यकारिणी गठित करें. वहीं, चुनाव परिणाम पर 21 मई को लगी रोक को भी बरकरार रखा है. कोर्ट ने यह निर्देश शुक्रवार को आनंद गुप्ता व सूर्यकांत गाडिया सहित अन्य के प्रार्थना पत्र पर दिया.
कोर्ट ने फैसले में कहा कि दस्तावेजों से यह साबित है कि वादी ने चुनाव प्रक्रिया में प्रत्याशी के तौर पर भाग लिया है. ऐसे में यदि वादी के अधिकारों को संरक्षित नहीं किया जाता है तो उन्हें अपूर्णनीय क्षति हो सकती है. आनंद गुप्ता व सूर्यकांत गाडिया के अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि कोर्ट से वादी पक्ष ने आग्रह किया था कि समाज समिति के चुनाव में धांधली हुई थी और वो निष्पक्ष व स्वतंत्र तौर पर नहीं करवाए गए थे. ऐसे में समिति के चुनाव शून्य व अमान्य घोषित किए जाने चाहिए, ताकि वादी पक्ष के अधिकार प्रभावित नहीं हों.