जयपुर: राइजिंग राजस्थान के तहत चिकित्सा विभाग की प्री-समिट का आयोजन गुरुवार को जयपुर में किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और देश के अलग-अलग स्थान से आए इन्वेस्टर भाग लेने पहुंचे. चिकित्सा विभाग ने अभी तक 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से संबंधित एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि गुरुवार को हुई प्री समिट में 16 हजार करोड़ के एमओयू हुए. इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमने पहले भी देखा है कि एमओयू हो जाते हैं, लेकिन धरातल पर नहीं उतर पाए. हमारी सरकार निवेश को धरातल पर उतरने का काम करेगी.
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि छोटे निवेश ही स्थायी होते हैं. ऐसे में हमें छोटे निवेश पर विशेष फोकस करना चाहिए. इससे स्थानीय स्तर पर भी लोगों को रोजगार मिलता है. सीएम ने बताया कि प्रदेश की 88 फीसदी जनता हेल्थ बीमा से कवर है. यह देश में सर्वाधिक है.
सरकार ने दिए 28 हजार करोड़ दिए: चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि मुख्यमंत्री शर्मा ने इस विभाग को बजट में 28 हजार करोड़ रुपए दिए हैं, यदि निवेश को धरातल पर उतरना है तो हमें प्राइवेट सेक्टर को प्राथमिकता देनी होगी. 'इन्वेस्ट इन हैल्थ, इनोवेट फॉर हॉलिस्टिक फ्यूचर' थीम पर हो रहे इस प्री-समिट में प्रदेश के अलावा देश के दूसरे राज्यों से भी कई फर्मों (फार्मा कंपनियों, बड़े हॉस्पिटल ग्रुप, मेडिकल डिवाइस मैन्युफैक्चरर) के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
इस मौके पर केन्द्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, प्रमुख चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड़, प्रमुख आयुर्वेद सचिव भवानी सिंह देथा, चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार समेत राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लि. (RMSCL) की एमडी नेहा गिरी, कार्यकारी निदेशक समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
प्री-समिट में 16 हजार करोड़ के एमओयू: गुरुवार को आयोजित प्री समिट में 16 हजार 176 करोड़ रुपए के एमओयू हुए. इसमें चिकित्सा शिक्षा सेक्टर से जुड़े एमओयू करीब 14 हजार करोड़ रुपए के है, जबकि आयुष 2 हजार 157 करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए है. इसमें कई नए हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज खोलने से संबंधित हैं.