दुमका:बाल कल्याण समिति और जरमुंडी प्रशासन की टीम ने देर रात होने वाले एक बाल विवाह को रुकवा दिया. बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने कहा कि बाल विवाह अपराध की श्रेणी में आता है, हमारे समाज में बाल विवाह को रोकना होगा, इसको लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह हो रहा है. सावधानी के साथ-साथ कानूनी प्रक्रिया की जानकारी भी दी गई और समझदारी से शादी रोक दी गई.
झारखंड सरकार की चाइल्ड हेल्पलाइन दुमका और ग्राम साथी के संयुक्त प्रयास से जरमुंडी प्रखंड के पुतलीडाबर पंचायत के तिलबरिया गांव में होने वाली एक नाबालिग लड़की की शादी को शादी से कुछ घंटे पहले ही रोक दिया गया. चाइल्ड हेल्पलाइन के सेंट्रल डेस्क को सूचना मिली कि रविवार 21 अप्रैल की रात तिलबरिया निवासी एक नाबालिग लड़की की शादी होने जा रही है. बारात दुमका रसिकपुर से आनी थी.
मामले की जानकारी मिलने पर चाइल्ड हेल्पलाइन दुमका की टीम ने इसकी जानकारी बाल विवाह निषेध पदाधिकारी सह जरमुंडी बीडीओ, जरमुंडी थाना प्रभारी, ग्राम साथी एनजीओ की परियोजना समन्वयक सारिका सिंह व काउंसलर तारा प्रसाद, ट्रैफिकिंग समन्वयक ज्योति कुमारी चौधरी को दी.
साथी एनजीओ की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर सारिका सिंह ने बताया कि नाबालिग जोड़ों की शादी रोकने के संबंध में जानकारी देते हुए जल्द से जल्द बाल विवाह रोकने के निर्देश दिए गए. सूचना मिलते ही करीब दो बजे जरमुंडी थाना के सब इंस्पेक्टर सुशील कुमार, बाल विकास परियोजना कार्यालय की मल्लिका और ग्राम साथी के स्थानीय कर्मचारी गांव पहुंचे और दुल्हन के घर पहुंचकर घर में चल रहे वैवाहिक संस्कार बंद करा दिए और बाल विवाह रुकवा दिया.