रांची: गणतंत्र दिवस के अवसर पर झारखंड पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने ध्वजारोहण किया, तिरंगा फहराने के बाद डीजीपी ने झारखंड पुलिस की उपलब्धियां भी गिनाई. झारखंड पुलिस नक्सल, अपराध, महिला उत्पीड़न और साइबर क्राइम के खिलाफ किस प्रकार काम कर रही है, डीजीपी ने विस्तार से बताया.
नक्सलवाद खत्म होने के कगार पर
ध्वजारोहण के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता अपने संबोधन में कहा कि झारखंड से नक्सलवाद का लगभग खात्मा हो चुका है. बाकी बचे नक्सली जंगल में छिपे हुए हैं, उन्हें भी किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि मार्च 2025 तक नक्सलियों के सफाए का टारगेट रखा गया है. जिसे हर हाल में पूरा करना है. डीजीपी ने नक्सल के अलावा झारखंड पुलिस के द्वारा साइबर, संगठित अपराध, नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी दी.
डीजीपी ने बताया कि वर्ष 2024 में 248 नक्सलियों को गिरफ्तार किया, 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, 9 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया. वहीं संगठित अपराधिक गिरोह के 154 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि एटीएस ने 4 अलकायदा के आतंकवादियों को भी गिरफ्तार किया. नशे के अवैध और काले कारोबार में लिप्त 1362 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए 1 करोड़ 82 लाख 51 हजार 950 रुपए बरामद किए गए हैं.
डीजीपी ने कहा कि साइबर अपराध के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करते हुए मात्र एक साल में 1869 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही 8 करोड़ 17 लाख 84 हजार 714 रुपए के साथ कई सामानों को जब्त किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न बैंकों में 67 करोड़ 20 लाख 20 हजार 513 रुपए भी फ्रीज किए, वहीं 3 करोड़ 27 लाख 93 हजार 77 रुपए ठगी के शिकार हुए पीड़ितों को लौटाए भी गए हैं.
जन शिकायत समाधान कार्यक्रम की शुरुआत
डीजीपी ने बताया कि पूरे राज्य में जन शिकायत समाधान कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. जिसमें आम लोगों की समस्याएं सीधे पुलिस के वरीय अधिकारियों तक पहुंच रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस के सभी अधिकारियों अफसर और कर्मियों को स्पष्ट कर दिया है कि वह पब्लिक फ्रेंडली बने. डीजीपी के अनुसार राज्य की बच्चियों , महिलाओं के साथ-साथ आम नागरिकों की सुरक्षा पुलिस की अहम जिम्मेदारी है.
पुलिस का पब्लिक फ्रेंडली होना जरूरी
डीजीपी ने कहा कि जो भी नक्सली जंगलों में छिपे हुए हैं. उनको केंद्रीय बलों के साथ झारखंड पुलिस के जवान उनकी तलाश में जुटे हुए हैं. डीजीपी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर करने के लिए जरूरी है कि पुलिस पूरी तरह से आम लोगों से दोस्ताना व्यवहार करें. इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए पुलिस के द्वारा हर तरह के कार्य किए जा रहे हैं. इसी के तहत डायल 112 का क्यूआर कोड फंक्शन भी शुरू किया गया है.
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