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मिलवाट खोर पर लगाम लगाने के लिए मुख्य सचिव सख्त, यूपी को भी लिखा पत्र, बॉर्डर एरिया में की जाएगी संयुक्त चेकिंग - adulteration in food items

त्योहारों का सीजन नजदीक आते ही मिलवाट खोर भी सक्रिय हो गए है. उत्तराखंड में मिलवाटखोरी के सबसे ज्यादा मामले यूपी से लगे जिलों से सामने आते है. इन्हीं सब मामलों को देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने यूपी से समन्वय बनाकर बॉर्डर एरिया में विशेष चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया है.

CHIEF SECRETARY RADHA RATURI
मुख्य सचिव सख्त ने ली बैठक. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 27, 2024, 6:43 PM IST

देहरादून: खाद्य पदार्थों में मिलावट खोरी को लेकर मंगलवार 27 अगस्त को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड सचिवालय देहरादून में अधिकारियों संग बैठक की. इस दौरान सामने आया है कि यूपी की सीमा से लगे उत्तराखंड के जिलों में खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले सबसे ज्यादा सामने आते है. इसीलिए मिलावटी दुध समेत अन्य खाद्य पदार्थों पर लगाम लगाने के लिए यूपी और उत्तराखंड की सीमा पर सयुंक्त निगरानी और प्रवर्तन कार्य संचालित किया जाए. इसके लिए उत्तराखंड शासन की तरफ से यूपी को पत्र भी भेजा गया है.

खाद्य सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक: साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर देहरादून में फूड टेस्टिंग लैब संचालन के लिए दो महीने डेडलाइन दी है. दरअसल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को सचिवालय में खाद्य सुरक्षा को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने खाद्य सुरक्षा से संबंधित न्याय निर्णयन के लिए दायर वादों के निस्तारण मामले पर न्याय निर्णायक अधिकारी/जिलाधिकारी/एडीएम को वादों की त्वरित सुनवाई के निर्देश दिए हैं.

साथ ही कहा कि तय समय पर वादों का निस्तारण न होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाही की जाएगी. इसको लेकर सीएस ने जिलाधिकारियों को पत्र भी भेजा. सीएस ने सुरक्षित भोजन और स्वस्थ्य आहार पर गठित राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम- 2006, नियम 2011 की धारा 68 के तहत न्याय निर्णयन के लिए दायर वादों के विलम्ब से निस्तारण के बावजूद बढ़ती वादों की संख्या और इस कारण प्रवर्तन कार्यो पर पड़ रहे असर को लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य आपूर्ति और पुलिस विभाग से रिपोर्ट तलब की.

त्यौहारों के दौरान विशेष अभियान चलाने का निर्देश: इसके साथ ही त्यौहारों के दौरान विशेष अभियान संचालित कर दुग्ध, मिठाई और अन्य खाद्य उत्पादों की टेस्टिंग और मिलावटी कार्यों में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाही के भी निर्देश दिए. बैठक के दौरान सीएस राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को देहरादून में गढ़वाल मंडल की फूड टेस्टिंग लैब के संचालन को शुरू करने के लिए 2 माह की डेडलाइन दी.

बता दें कि गढ़वाल मंडल की फूड टेस्टिंग लैब का काम चल रहा है. इस लैब के लिए 13 पदों की स्वीकृति दे दी गई है. इस सम्बन्ध में 23 करोड़ का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा चुका है, शुरुवात में इस लैब की क्षमता 5000 सैम्पलिंग टेस्ट की होगी. इसके साथ ही मुख्य सचिव ने रूद्रपुर में अल्ट्रा मॉडर्न माइक्रोबायोलॉजी का फूड लैब की स्थापना और लैब में लेटेस्ट उपकरण लाने संबंधित कार्रवाही को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए.

फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स प्रोग्राम के संचालन के लिए संविदा के आधार पर 8 पदों की स्वीकृति दी गई है. ऐसे में सीएस ने राज्य में अधिकाधिक टेस्टिंग बढ़ाये जाने और टेस्टिंग रिपोर्ट तय समय पर तैयार करने के निर्देश दिए. भोजनमाताओं और आंगनबाड़ी वर्कर्स को भी फूड टेस्टिंग में प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए.

इसके साथ ही मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को सभी आवासीय विद्यालयों में फूड सेफ्टी के प्रति जागरूक करने को कहा. साथ ही आमजन के लिए सैम्पल टेस्टिंग किट उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं. मुख्य सचिव ने ईट राइट इंडिया अभियान के तहत ईट राइट कैम्पस/ईट राइट स्कूल प्रमाणीकरण में सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, शासकीय और गैर शासकीय कैम्पस को जोड़ने के निर्देश दिए.

चारधाम यात्रा मार्ग पर भी हो जांच: उत्तराखंड सचिवालय राज्य का पहला कैम्पस है, जिसे एफडीए की ओर से ईट राइट इंडिया का प्रमाण पत्र मिला है. वही, बैठक के दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग पर खाद्य कारोबारियों के प्रतिष्ठानों पर बेचे जा रहे खाद्य पदार्थों की जांच और अपमिश्रित खाद्य पदार्थों के विक्रय पर रोक लगाये जाने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की अतिरिक्त रूप से तैनाती की गयी है.

अभी तक 1418 खाद्य संस्थानों का निरीक्षण किया गया है. 190 विधिक और 519 सर्विलांस सैंपल जांच के लिए लिये गये है. 20 खाद्य कारोबारियों के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर किये गए है और न्यायालय की और से 09 खाद्य कारोबारियों पर 3,30,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

इसके अलावा चारधाम यात्रामार्ग पर मोबाइल खाद्य टेस्टिंग लैब के जरिए आम जनमानस और खाद्य कारोबारियों की खाद्य पदार्थों की मौके पर जांच किया जा रहा है, जिसके तहत अभी तक 601 खाद्य पदार्थों की मौके पर सर्वेलांस जांच की गयी. जिसमें से 529 खाद्य पदार्थ जांच में सही पाये गये और 72 मानको के अनुरूप नहीं पाये गये. इस कार्यक्रम को बेहतर ढंग से चलाने के लिए 02 नवीन संचल खाद्य टेस्टिंग लैब के संचालन को टैक्निकल स्टाफ की आउटसोर्स के माध्यम से तैनाती की कार्रवाई चल रही है.

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