रामनगर: नैनीताल जिला अपने मीठे आम और रसीली लीची के लिए प्रसिद्ध है. इस बार यहां आम और लीची के बागों में समय से पहले बौर आ गए हैं. पेड़ों में बौर आने से बागवानों में खुशी की लहर है. मौसम अनुकूल रहने से आम के पेड़ों पर 15 दिन पहले ही बौर आ गया है.
लीची के बाग भी बौर से लदे हैं. इससे अच्छी पैदावार की उम्मीद बढ़ गई है. फलों के पेड़ों में बौर की यह बहार किसानों के लिए अच्छे मुनाफे का संकेत दे रही है.
बौर से लद गए आम और लीची के पेड़: नैनीताल जिले में इस बार आम और लीची के बागानों में बौर की जबरदस्त बहार आई है. इससे किसान अच्छी आमदनी की उम्मीद कर रहे हैं. नैनीताल जनपद अपने मीठे आम और रसीली लीची के लिए जाना जाता है.
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इस बार जिले के रामनगर, कालाढूंगी, चकलुआ और कोटाबाग क्षेत्रों में आम के बागान और लीची के बागान बौरों से लकदक हो गए हैं. किसानों और ठेकेदारों का कहना है कि इस बार आम और लीची की बहुत पैदावार की उम्मीद है. अगर मौसम सही रहा, तो हम अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
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बौर देख बागवानों में खुशी: नैनीताल जिले की ये फ्रूट बेल्ट किसानों की आय का प्रमुख साधन है. ये बागानों में दशहरी, लंगड़ा, चौसा, आम्रपाली, और फजली जैसी आम की कई किस्में पाई जाती हैं. आम की हर मुख्य किस्म का स्वाद और सुगंध अलग-अलग होता है.
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स्थानीय लोगों की जरूरत के साथ ही यहां से आम का बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट भी होता है. बागवान बौर देखकर बेहद खुश हैं.
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बागवानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद: बागवान अरुण हुंडीवाल और ओम प्रकाश का कहना है कि-
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आम के बौर बहुत अच्छे आए हैं. इस साल अच्छी फसल पैदा होगी. अच्छा बौर आया है तो आम के अच्छे उत्पादन की भी उम्मीद है. बस अब मौसम अच्छा रहे तो इस बार काफी फायदा होगा.
उद्यान विभाग को अच्छे उत्पादन का भरोसा: वहीं इस पर जानकारी देते हुए उद्यान अधिकारी अर्जुन सिंह परवाल कहते हैं कि-
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इस बार आम में 15 दिन पहले ही बौर आ गया है. नैनीताल जिले के चकलुआ, हल्द्वानी, कालाढूंगी, कोटाबाग और रामनगर की फूड बेल्ट में करीब 2000 हेक्टेयर में आम की खेती होती है. इस साल 50 हजार मीट्रिक टन से अधिक उत्पादन की संभावना है. वहीं लीची का उत्पादन भी 1800 हेक्टेयर में किया जाता है. इस बार 10 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा फसल होने की उम्मीद है.
-अर्जुन परवाल, उद्यान अधिकारी-
उद्यान अधिकारी ने दिए ये सुझाव: उद्यान अधिकारी ने बागवानों को सुझाव दिया है कि-
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इस बार ठंड कम पड़ी है. टेंपरेचर बढ़ गया है. इस कारण बौर 15 दिन जल्दी आ गए. लेकिन इससे कोई नुकसान की आशंका नहीं है. पैदावार अच्छी होगी. किसान भाइयों को सुझाव है कि अभी बंद बौर है, इसलिए इसमें किसी तरह के कीटनाशक और फफूंदीनाशक का प्रयोग नहीं करें. जब फूल खिलने की स्थिति हो तो उस समय से दाना सेट होने तक सिंचाई भी बंद कर दें.
-अर्जुन परवाल, उद्यान अधिकारी-
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