ETV Bharat / bharat

यहां उत्तरी राज्य के दलालों से सावधान! श्रमिक महिलाओं का हो रहा यौन शोषण, यूपी बिहार के मजदूर परेशान! - TIRUPPUR MIGRANT WORKER ISSUE

उत्तरी राज्य के दलाल तिरुपुर में प्रवासी श्रमिकों को धोखा दे रहे हैं. उन्हें जबरन वसूली और यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है.

तिरुपुर
तिरुपुर (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 24, 2025, 3:37 PM IST

Updated : Feb 24, 2025, 4:01 PM IST

तिरुपुर: तमिलनाडु का तिरुपुर शहर निटवेअर उत्पादन के लिए मशहूर है. यहां 20 हजार से अधिक निटवेअर की कंपनियां हैं. यहां बिहार, यूपी पश्चिम बंगाल, झारखंड सहित अलग-अलग राज्यों से आए 4 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर काम करते हैं. खबर यह है कि, जैसे-जैसे प्रवासी श्रमिक काम की तलाश में तिरुपुर आते हैं, उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने वहां लाने वाले उत्तर भारतीय दलालों द्वारा शिकार बनाए जाने की घटनाएं बढ़ती जा रही है.

तिरुपुर की निटवेअर फैक्ट्रियों से सालाना 40 हजार करोड़ रुपये का निर्यात तथा 30 हजार करोड़ रुपये का घरेलू व्यापार होता है. कुछ दिन पहले ओडिशा से अपने पति के साथ आई एक महिला को नौकरी दिलाने के बहाने तीन लोगों ने उठा लिया और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया. इससे जुड़ी कई खबरें तो लोगों तक पहुंच ही नहीं पाती है.

निटवेअर फैक्ट्री
निटवेअर फैक्ट्री (ETV Bharat)

ऐसा भी कहा जाता है कि तिरुपुर में उत्तर भारत के रहने वाले दलाल, जो तमिल नहीं हैं, विभिन्न राज्यों से बेरोजगार श्रमिकों की भीड़ को लाते हैं, उन्हें अच्छे वेतन का वादा करते हैं और उन्हें निटवेअर कंपनियों में काम पर लगाते हैं.

तिरुपुर  शहर
तिरुपुर शहर (ETV Bharat)

श्रमिकों से उनके वेतन का आधा हिस्सा कमीशन के रूप में छीने जाने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. इसके अलावा, चूंकि उत्तर भारत से आने वाले प्रवासी अधिकतर तिरुपुर रेलवे स्टेशन पर आते और उतरते हैं, इसलिए दलालों द्वारा उन्हें ले जाकर बनियान कपड़ा कंपनियों में भर्ती करने और उनसे पैसे ऐंठने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. ऐसी भी शिकायतें हैं कि कुछ कंपनियों में उत्तर भारतीय दलाल ठेकेदार के रूप में काम करते हैं और श्रमिकों का वेतन वसूलते हैं और उन्हें कम वेतन देते हैं.

हजारों की संख्या में बिहार, यूपी के मजदूर आते हैं
हजारों की संख्या में बिहार, यूपी के मजदूर आते हैं (ETV Bharat)

ऐसा कहा जाता है कि कंपनी मालिकों को इस मुद्दे के बारे में पता होने के बावजूद वे इसे अनदेखा करते हैं. उन्हें लगता है कि कोई समस्या होने पर उत्तर भारत के ठेकेदार खुद ही उसे ठीक कर देंगे. जिसका नतीजा यह है कि, प्रवासी श्रमिकों के श्रम और वेतन का उत्तर भारतीय दलालों द्वारा बड़े पैमाने पर शोषण किया जा रहा है. बताया गया है कि, उत्तर भारतीय लोग उन्हें तिरुपुर रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन जैसी जगहों पर ले जाते हैं, प्रवासी श्रमिकों से पैसे ऐंठते हैं और यौन उत्पीड़न करते हैं.

निटवेअर फैक्ट्री
निटवेअर फैक्ट्री (ETV Bharat)

ऐसा कहा जाता है कि तिरुपुर में ऐसे श्रमिकों की दुर्दशा आम बात है जो भाषा नहीं जानते और अपनी पीड़ा को व्यक्त नहीं कर पाते. इस बीच, प्रवासी श्रमिकों के लिए एक स्वैच्छिक संगठन सेव के अध्यक्ष एलोयसियस का कहना है कि, "ऐसी गलतियों को रोकने के लिए, तिरुपुर रेलवे स्टेशन पर प्रवासी श्रमिकों के लिए एक सहायता केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए.

प्रवासी श्रमिकों की आड़ में काम की तलाश और नकली पहचान पत्र का उपयोग करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या भी कुछ कम नहीं है. अब तक पुलिस ने 100 से अधिक बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है. यह न केवल प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए बल्कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए भी एक सवाल है.

तिरुपुर  रेलवे स्टेशन
तिरुपुर रेलवे स्टेशन (ETV Bharat)

तिरुपुर में रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता कोंगू रामकृष्णन ने कहा, "प्रवासी श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीकरण करके उनका दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए और उनकी पूरी निगरानी की जानी चाहिए."

ये भी पढ़ें: सरकार की इस योजना से घर बैठे मिलेगी 3000 रुपये की पेंशन, ऐसे करें अप्लाई

तिरुपुर: तमिलनाडु का तिरुपुर शहर निटवेअर उत्पादन के लिए मशहूर है. यहां 20 हजार से अधिक निटवेअर की कंपनियां हैं. यहां बिहार, यूपी पश्चिम बंगाल, झारखंड सहित अलग-अलग राज्यों से आए 4 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर काम करते हैं. खबर यह है कि, जैसे-जैसे प्रवासी श्रमिक काम की तलाश में तिरुपुर आते हैं, उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने वहां लाने वाले उत्तर भारतीय दलालों द्वारा शिकार बनाए जाने की घटनाएं बढ़ती जा रही है.

तिरुपुर की निटवेअर फैक्ट्रियों से सालाना 40 हजार करोड़ रुपये का निर्यात तथा 30 हजार करोड़ रुपये का घरेलू व्यापार होता है. कुछ दिन पहले ओडिशा से अपने पति के साथ आई एक महिला को नौकरी दिलाने के बहाने तीन लोगों ने उठा लिया और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया. इससे जुड़ी कई खबरें तो लोगों तक पहुंच ही नहीं पाती है.

निटवेअर फैक्ट्री
निटवेअर फैक्ट्री (ETV Bharat)

ऐसा भी कहा जाता है कि तिरुपुर में उत्तर भारत के रहने वाले दलाल, जो तमिल नहीं हैं, विभिन्न राज्यों से बेरोजगार श्रमिकों की भीड़ को लाते हैं, उन्हें अच्छे वेतन का वादा करते हैं और उन्हें निटवेअर कंपनियों में काम पर लगाते हैं.

तिरुपुर  शहर
तिरुपुर शहर (ETV Bharat)

श्रमिकों से उनके वेतन का आधा हिस्सा कमीशन के रूप में छीने जाने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. इसके अलावा, चूंकि उत्तर भारत से आने वाले प्रवासी अधिकतर तिरुपुर रेलवे स्टेशन पर आते और उतरते हैं, इसलिए दलालों द्वारा उन्हें ले जाकर बनियान कपड़ा कंपनियों में भर्ती करने और उनसे पैसे ऐंठने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. ऐसी भी शिकायतें हैं कि कुछ कंपनियों में उत्तर भारतीय दलाल ठेकेदार के रूप में काम करते हैं और श्रमिकों का वेतन वसूलते हैं और उन्हें कम वेतन देते हैं.

हजारों की संख्या में बिहार, यूपी के मजदूर आते हैं
हजारों की संख्या में बिहार, यूपी के मजदूर आते हैं (ETV Bharat)

ऐसा कहा जाता है कि कंपनी मालिकों को इस मुद्दे के बारे में पता होने के बावजूद वे इसे अनदेखा करते हैं. उन्हें लगता है कि कोई समस्या होने पर उत्तर भारत के ठेकेदार खुद ही उसे ठीक कर देंगे. जिसका नतीजा यह है कि, प्रवासी श्रमिकों के श्रम और वेतन का उत्तर भारतीय दलालों द्वारा बड़े पैमाने पर शोषण किया जा रहा है. बताया गया है कि, उत्तर भारतीय लोग उन्हें तिरुपुर रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन जैसी जगहों पर ले जाते हैं, प्रवासी श्रमिकों से पैसे ऐंठते हैं और यौन उत्पीड़न करते हैं.

निटवेअर फैक्ट्री
निटवेअर फैक्ट्री (ETV Bharat)

ऐसा कहा जाता है कि तिरुपुर में ऐसे श्रमिकों की दुर्दशा आम बात है जो भाषा नहीं जानते और अपनी पीड़ा को व्यक्त नहीं कर पाते. इस बीच, प्रवासी श्रमिकों के लिए एक स्वैच्छिक संगठन सेव के अध्यक्ष एलोयसियस का कहना है कि, "ऐसी गलतियों को रोकने के लिए, तिरुपुर रेलवे स्टेशन पर प्रवासी श्रमिकों के लिए एक सहायता केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए.

प्रवासी श्रमिकों की आड़ में काम की तलाश और नकली पहचान पत्र का उपयोग करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या भी कुछ कम नहीं है. अब तक पुलिस ने 100 से अधिक बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है. यह न केवल प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए बल्कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए भी एक सवाल है.

तिरुपुर  रेलवे स्टेशन
तिरुपुर रेलवे स्टेशन (ETV Bharat)

तिरुपुर में रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता कोंगू रामकृष्णन ने कहा, "प्रवासी श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीकरण करके उनका दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए और उनकी पूरी निगरानी की जानी चाहिए."

ये भी पढ़ें: सरकार की इस योजना से घर बैठे मिलेगी 3000 रुपये की पेंशन, ऐसे करें अप्लाई

Last Updated : Feb 24, 2025, 4:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.