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स्वास्थ्य क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि, मेकाहारा के डॉक्टरों ने लेजर तकनीक से किडनी ब्लॉकेज का किया सफल ऑपरेशन - CG health sector big achievement

स्वास्थ्य क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. मेकाहारा के चिकित्सकों ने एक शख्स की किडनी को खराब होने से बचाकर उसे नई जिन्दगी दी है.

Chhattisgarh health sector big achievement
स्वास्थ्य क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 3, 2024, 6:51 PM IST

रायपुर: रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में 66 वर्षीय एक मरीज को नई जिन्दगी मिली है. शख्स की किडनी को खून की आपूर्ति करने वाली बायीं धमनी में सौ फीसद रुकावट और हृदय की मुख्य नस में 90 फीसद रुकावट का एक्जाइमर लेजर विधि से सफल इलाज किया गया. मेडिकल लिटरेचर के अनुसार विश्व में लेजर एंजियोप्लास्टी की ओर से किडनी की नस के पूर्ण ब्लॉक के उपचार का यह पहला केस है.ये छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि है.

ये थी समस्या: एसीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव के नेतृत्व में हुए इस उपचार में मरीज के किडनी की धमनी यानी रीनल आर्टरी और कोरोनरी आर्टरी का एक साथ उपचार किया गया. इलाज कर मरीज को रीनल फेल्योर और हार्ट फेल्योर होने से बचा लिया गया. इन दोनों इंटरवेंशनल प्रोसीजर को क्रमशः लेफ्ट रीनल आर्टरी क्रॉनिक टोटल ऑक्लूशन और इन स्टंट री-स्टेनोसिस ऑफ कोरोनरी आर्टरी कहा जाता है. इस केस में पहली बार रीनल का 100 प्रतिशत ऑक्लूशन (रुकावट) था, जिसके कारण बीपी कंट्रोल में नहीं आ पा रहा था. किडनी खराब हो रही थी. समय पर इलाज नहीं होता, तो किडनी फेल हो जाती.

मरीज की किडनी को खून की आपूर्ति करने वाली दोनों नसों में ब्लॉकेज था. एक में 100 प्रतिशत ब्लॉकेज था. एक में 70-80 प्रतिशत ब्लॉकेज था. लेफ्ट रीनल आर्टरी जहां से शुरू होती है, वहीं मुख्य ब्लॉकेज था. इसके कारण खून का प्रवाह बिल्कुल बंद हो चुका था. इसके साथ ही मरीज के हृदय की मुख्य नस में ब्लॉकेज था, जिसके लिए उसको 2023 में निजी अस्पताल में स्टंट लगा था, जो बंद हो चुका था. यह स्टंट पूरी तरह ब्लॉक हो गया था. इन सब समस्याओं के कारण मरीज को हार्ट फेल्योर हाइपरटेंशन, सांस लेने में तकलीफ और बीपी कंट्रोल में नहीं आ रहा था.-डॉ. स्मित श्रीवास्तव

बैलून की ली गई मदद: चिकित्सक के अनुसार सबसे पहले लेफ्ट रीनल आर्टरी जो 100 प्रतिशत ब्लॉक थी. उसमें कठोर ब्लॉकेज होने की वजह से एक्जाइमर लेजर से उसके लिए रास्ता बनाया गया, फिर बैलून से उस रास्ते को बड़ा किया गया, उसमें स्टंट लगाकर उस नली को पूरी तरह खोल दिया गया और नॉर्मल फ्लो को किडनी में वापस चालू किया गया. ब्लॉकेज खोलने के साथ ही बीपी में परिवर्तन आने शुरू हुए. बीपी कम हो गया. इंट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड के जरिए स्टंट को देखकर यह कंफर्म किया गया कि वह ठीक से अपने स्थान पर स्थापित हुआ है या नहीं.

मरीज की हालत बेहतर: पहले की गई एंजियोप्लास्टी के कारण हृदय की बायीं साइड की मुख्य नस के लेफ्ट एंटीरियर डिसेंडिंग आर्टरी में डाले गए स्टंट के अंदर 90 प्रतिशत से भी ज्यादा रुकावट पायी गयी. इसको भी पहले लेजर के जरिए ब्लॉकेज खोलकर रास्ता बनाया गया. फिर बैलून लगाकर उस रास्ते को बड़ा किया गया, फिर इंट्रा वैस्कुलर अल्ट्रासाउंड के जरिए स्टंट ब्लॉकेज के क्षेत्र को देखा गया, चूंकि रूकावट स्टंट के साथ-साथ स्टंट के बाहर की थी. इस वजह से एक नया स्टंट डालकर उस रूकावट को खोलने का निर्णय लिया गया. एक अतिरिक्त स्टंट डालकर दोनों रुकावट का इलाज किया गया. आईवीयूएस करके पूरी प्रक्रिया की वास्तविक वस्तुस्थिति को देखा गया. अंत में दोनों प्रक्रिया सफल रही. फिलहाल मरीज की हालत ठीक है. जल्द ही उसे अस्पताल से डिस्टार्ज कर दिया जाएगा.

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