नई दिल्ली: वित्तीय वर्ष 2023-24 और आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए लास्ट डेट 31 जुलाई 2024 थी. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अगर कोई व्यक्ति आईटीआर दाखिल करने की लास्ट डेट से चूक भी गया है तो भी वह लेट फीस के साथ अपना टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकता है. इसे बिलेटेड आईटीआर फाइलिंग कहते हैं. बिलेटेड आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है. AY2024-25 के लिए बिलेटेड आईटीआर 31 दिसंबर 2024 तक दाखिल किया जा सकता है.
10,000 रुपये तक का जुर्माना
बिलेटेड आयकर रिटर्न दाखिल करने पर आयकर अधिनियम की धारा 234F के तहत जुर्माना लग सकता है.
- अगर आकलन वर्ष के 31 दिसंबर को या उससे पहले आईटीआर दाखिल किया जाता है तो जुर्माना 5,000 रुपये होगा.
- अगर रिटर्न 31 दिसंबर के बाद लेकिन आकलन वर्ष की समाप्ति (31 मार्च) से पहले दाखिल किया जाता है, तो जुर्माना 10,000 रुपये होगा.
- लेकिन ध्यान रखें कि अगर कुल आय 5,00,000 रुपये से अधिक नहीं है, तो जुर्माना 1,000 रुपये होगा.
- अगर आप अपना रिटर्न दाखिल करने में देरी करते हैं, तो आपसे ब्याज लिया जाएगा.
अगर आपके पास कोई बकाया कर देयता है, तो धारा 234A (रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए) के तहत देय राशि पर ब्याज भी लगाया जा सकता है. ध्यान रखें कि अगर आप अपना रिटर्न देर से दाखिल करते हैं, तो आप कुछ नुकसान (उदाहरण के लिए, व्यावसायिक नुकसान, पूंजीगत नुकसान) को भविष्य में आगे नहीं ले जा सकते हैं, सिवाय घर की संपत्ति से आय के तहत नुकसान के.
आयकर रिफंड के बारे में जानकारी
अगर आपको पता चलता है कि आपने अपने विलंबित रिटर्न में कोई गलती की है, तो आप समय सीमा के भीतर संशोधित रिटर्न (संशोधित ITR) भी दाखिल कर सकते हैं. अगर कोई टैक्स अधिक चुकाया गया है, तो आप रिफंड (आयकर रिफंड) का दावा भी कर सकते हैं. लेकिन देरी से दाखिल करने के कारण इस प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है.
आयकर रिटर्न वैरिफिकेशन
विलंबित रिटर्न दाखिल करने के बाद, आपको आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग आदि के माध्यम से इसे ऑनलाइन वैरिफाई करना होगा. या दाखिल करने के 120 दिनों के भीतर आईटीआर-वी की एक प्रति केंद्रीयकृत प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) को भेजनी होगी.