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दिनभर कोर्ट में जिरह और रात होते ही वकील साहब बन जाते हैं रावण, गजब लीला

छतरपुर की श्री अन्नपूर्णा रामलीला का आयोजन 74 साल से हो रहा है. विभिन्न पेशे वाले लोग इसमें रोल निभाते हैं.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

Chhatarpur Shri Annapurna Ramlila
रावण का रोल करने वाले लखन राजपूत (Etv Bharat)

छतरपुर।श्री अन्नपूर्णा रामलीला के कलाकारों की प्रतिभा का पूरा छतरपुर जिला कायल है. ये कलाकार रामलीला में फ्री काम करते हैं. कोई व्यापारी है, कोई वकील है तो कोई सरकारी नौकरी करता है. दिनभर अपना काम करने के बाद ये लोग रात्रि में रामलीला में विभिन्न प्रकार के रोल निभाकर लोगों को आनंदित करते हैं. श्री अन्नपूर्णा रामलीला के कलाकार रावण का मंचन करने वाले एडवोकेट लखन राजपूत बताते हैं "हम लोग समिति और जन सहयोग से 74 सालों से उत्साह, उमंग के साथ रामलीला का मंचन कर रहे हैं. रामलीला का आनंद लेने के लिए क्षेत्र के आसपास के लोग आते हैं. हम लोगों का उत्साह भी बढ़ाते हैं."

क्या कहते हैं रावण का रोल करने वाले लखन राजपूत

रावण का रोल करने वाले लखन राजपूत ने बताया "वह रामलीला के साथ वकालत भी करते हैं. दिन में अपराधियों की पेशियों को निपटाने के बाद शाम को श्रीराम का किरदार निभाने वाले कलाकारों को रिहर्सल भी करवाते हैं. हम लोगों को भगवान राम के आदर्श पर चलकर ही जीवन व्यतीत करना चाहिए." वहीं समिति के अध्यक्ष और महाराज जनक का रोल करने वाले शहर के व्यापारी दृगेन्द्र सिंह चौहान ने बताया"लगातार 74 वर्षों से शहर की गल्ला मंडी में रामलीला का मंचन किया जा रहा है."

छतरपुर की श्री अन्नपूर्णा रामलीला का आयोजन 74 साल से लगातार (ETV BHARAT)

रामलीला मंचन में मुख्य रूप से 17 कलाकार हैं

रामलीला का मंचन हमारे 17 स्थानीय कलाकारों के द्वारा किया जाता है. इस रामलीला में शहर के व्यापारी, वकील, पत्रकार, सरकारी नौकरी करने वाले शिक्षक अपना योगदान देते हैं तो वही कुम्भकर्ण का रोल करने वाले BJP नेता, व्यपारी अखिलेश मातेले डालडा और मोबाइल दुकान के संचालक निखिल जैन राक्षस के रोल का मंचन करके सबको खुश कर देते हैं. सारे कलाकार निःशुल्क अपनी सेवाएं देते हैं. यह कार्यक्रम चौक बाजार के पास गल्ला मंडी में शहर के बीचों-बीच होने के कारण बड़ी तादाद में श्रद्धालु रामलीला का आनंद लेने पहुंचते हैं. वहीं अगले वर्ष समिति के द्वारा 75 वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा.

12 वें दिन श्रीराम-सुग्रीव मित्रता से लंका दहन का मंचन

श्री अन्नपूर्णा रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के 12वें दिन कलाकारों ने लीलाओं का मंचन कर सभी का मन मोह लिया. बाली वध, श्रीराम-सुग्रीव मित्रता से लंका दहन का मंचन कर कलाकारों ने माहौल भक्तिमय कर दिया. राम-हनुमान मिलन, राम सुग्रीव मित्रता, शबरी कथा का मंचन हुआ. रामलीला में प्रभु श्री राम व लक्ष्मण माता सीता की खोज में वन-वन भटक रहे हैं. माता सीता की खोज करते हुए प्रभु श्री राम शबरी आश्रम पहुंच गए. जहां श्रीराम ने शबरी के झूठे बेर खाकर भगवान और भक्त के निस्वार्थ प्रेम को दर्शाया.

भगवान राम ने शबरी को बतनाई नवधा भक्ति

भगवान राम ने शबरी को नवधा भक्ति बताते हुए सीता की सुध पूछी. शबरी ने बताया कि आगे ऋषिमुख पर्वत पर सुग्रीव मिलेंगे. वहीं माता सीता की खोज में आपकी मदद करेंगे. इस दौरान दर्शकों को श्री राम व हनुमान के अलौकिक मिलन देखने को मिला. सुग्रीव अपने बड़े भाई बाली के डर से ऋषिमुख पर्वत पर अपने विश्वसनीय मित्रों के साथ रहते हैं. हनुमान जी ने सुग्रीव के बारे में बताते हुए कहा कि सुग्रीव अपने भाई बाली से बहुत परेशान हैं. बाली ने सुग्रीव का धन-स्त्री आदि सब कुछ छीन लिया है.

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बाली वध का मंचन देखकर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

रामलीला में बताया गया कि धन-स्त्री के हरण होने पर सुग्रीव दुखी होकर चार मंत्रियों के साथ ऋषिमुख पर्वत पर रहने लगे. हनुमान श्रीराम-लक्ष्मण को आदरपूर्वक सुग्रीव के पास ले गए और अग्नि के साक्षित्व में श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता कराई. भगवान श्री राम ने बाली का एक ही बाण में वध कर दिया. यह देख दर्शक प्रभु श्री राम का जयकारा लगाने लगे, प्रभु श्री राम के जयकारा से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो उठा. श्री अन्नपूर्णा रामलीला में लंका दहन की लीला, रावण-मंदोदरी संवाद का शानदार मंचन किया गया.

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