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छतरपुर में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी अमृत सरोवर योजना, तालाबों में एक बूंद पानी नहीं, अधिकारी चुनाव का दे रहे हवाला - Chhatarpur Amrit Sarovar Scam

छतरपुर के नौगांव ब्लॉक के गांवों में अमृत सरोवर योजना के तहत बनाए गए तालाबों की हालत दयनीय है. सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर जिस उद्देश्य के लिए इन तालाबों का निर्माण कराया था उनमें से एक भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो रही है. फिलहाल ये तालाब सूखे पड़े हैं. इस भीषण गर्मी में लोगों को मुंह चिढ़ा रहे हैं.

Chhatarpur Amrit Sarovar Scam
जल संरक्षण के लिए खोदे गए तालाबों में पानी की एक बूंद नहीं (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 25, 2024, 5:30 PM IST

छतरपुर। जिले के नौगांव विकासखंड के ग्रामों में भू-जल स्तर बढ़ाने, सिंचाई और रोजगार उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से मनरेगा एवं 15वें वित्त के तहत 3 तालाबों का निर्माण वर्ष 2022-23 में विभिन्न ग्राम पंचायतों में कराया गया. तालाब निर्माण के बाद बारिश के दौरान जलभराव के अलावा सरपंच, सचिव और जनपद के अफसर यहां झांकने भी नहीं आए. नतीजा यह हुआ कि पीएम की महत्त्वाकांक्षी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. अमृत सरोवर योजना से 33 लाख खर्च करने के साल भर बाद ही (अ)-मृत सरोवर साबित हो रही है.

अमृत सरोवर तालाबों के निर्माण के नाम पर हुई खानापूर्ती (ETV Bharat)

इन तालाबों से किसी को नहीं मिल रहा लाभ

सरोवर की गुणवत्ता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि ग्रीष्मकाल में जब जल संग्रहण की दरकार है. तब सभी तालाबों के कंठ सूखे पड़े हैं. यहां बता दें कि नौगांव ब्लॉक में अमृत सरोवर योजना के तहत ग्राम पंचायत चौबारा के कुलवारा में 12 लाख 32 हजार, ग्राम पंचायत मड़रका के नैंगुवा में 8 लाख 62 हजार एवं ग्राम पंचायत महेड़ के देवथा गांव में 12 लाख 30 हजार के तीन तालाब स्वीकृत हुए थे. जो अभी बीते वर्ष पूर्ण हुए हैं. इनके निर्माण पर 33 लाख 24 हजार रुपए खर्च किए गए. इन सरोवरों की भंडारण क्षमता करीब 30 हजार क्यूबिक मीटर है. लेकिन जब ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर जाकर देखा तो तीनों तालाबों 8 लीटर पानी भी संग्रहित नहीं है. ऐसे समय में जब भीषण गर्मी अपने रौद्र स्वरूप में है. तब ग्रामीण तो दूर मवेशी, पक्षी और जीव जंतु भी सरोवर योजना के लाभ से वंचित हैं.

खुदाई के बाद तालाबों को भूली सरकार (ETV Bharat)

अमृत सरोवर योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी

ईटीवी भारत की टीम ने नौगांव ब्लॉक के तीन अलग-अलग गांवों में बने अमृत सरोवरों की पड़ताल की है. जिसमें हैरान कर देने वाले कई तथ्य सामने आये हैं. अमृत सरोवर योजना के तहत पंचायत विभाग द्वारा सरोवरों का निर्माण तो कराया गया, लेकिन अधिकांश सरोवर सूखे पड़े हुए हैं. जल संरक्षण, मछली पालन, सिंचाई, सिंघाड़े की खेती आदि उद्देश्यों को लेकर बनाये गए सरोवरों में एक बूंद पानी को संरक्षित नहीं किया जा सका है. जल संरक्षण के नाम पर सरोवरों का सिर्फ ढांचा तैयार कर योजना की राशि का बंदरबांट कर लिया गया है.

अधिकांश सरोवर में खुदाई के बाद काली मिट्टी नदारद

नौगांव ब्लॉक में जलाभिषेक अभियान के तहत अमृत सरोवर तालाबों का निर्माण करने के बाद ग्राम पंचायत या मनरेगा अमले ने इसके रखरखाव को लेकर कोई कदम नहीं उठाए. वहीं अधिकांश सरोवर में खुदाई के बाद निकली काली मिट्टी नदारद है. ऐसे में जल संग्रहण की उम्मीद करना मुश्किल है. बारिश के दौरान एकत्र पानी से तालाब का उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पाएगा.

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तालाबों का मौका निरीक्षण करेंगे

जनपद पंचायत नौगांव के सीईओ डॉ. हरीश केशरवानीका कहना है कि "मेरे पास अभी नौगांव जनपद का अतिरिक्त प्रभार आया है. अभी लोकसभा चुनाव के चलते समय नहीं मिला, लेकिन जल्द ही सभी तालाबों का मौका निरीक्षण करेंगे. निरीक्षण के बाद जैसी स्थिति होगी वैसी कार्रवाई होगी."

वहीं, जब सूखे पड़े तालाबों के बारे में जिला पंचायत छतरपुर सीईओ तपस्या सिंह परिहारसे बात की गई, तो उनका कहना था कि "जनपद सीईओ से बात कर दिखवाते हैं, तालाब क्यों खाली है. निर्माण को लेकर यदि अधूरे पड़े हैं और जल स्रोत को लेकर क्या काम हुए हैं, दिखवा लेते हैं."

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