अल्मोड़ा:उत्तराखंड के रानीखेत में एशिया का सबसे बड़ा सेब बागान है. 235 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले इस चौबटिया सेब बागान को अब ट्यूलिप गार्डन के रूप में भी विकसित किया गया है. गार्डन के एक चौथाई हिस्से में ट्यूलिप की विभिन्न प्रजातियां लगाई गई हैं. जिनके रंग बिरंगे फूल पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं. इस बागान के मध्य में हालैंड और डेनमार्क की लगभग 12 प्रजातियां लगाई गई हैं.
चौबटिया गार्डन में खासकर सेब का उत्पादन किया जाता रहा है. लेकिन अब इसमें फलों के साथ फूलों को लगाकर भी विकसित किया जा रहा है. फूलों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ट्यूलिप गार्डन स्थापित किया गया है. अधीक्षक एनएस राणा ने बताया कि पिछले वर्ष हालैंड की चार प्रजातियां लीवंडरमार्क, स्नोलेडी, व्हाइटहेग और रोसिलियन के बल्ब लगाए गए थे. इसके परिणाम अच्छे दिखाई देने के बाद इस वर्ष ट्यूलिप की आठ प्रजातियां स्ट्रांग गोल्ड, एटेलाग्रेफिटी, लैपटाप-आर, क्वीन आफ नाइट, डेनमार्क, अपडेट, रेड क्वैंक्यूरर और टामप्यूसी के बल्ब भी लगाए गए. बागान में लगाए गए 6700 बल्ब पौधों की शक्ल लेने लगे हैं.