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चरखी दादरी में कागजों तक सीमित कपास की सरकारी खरीद? किसानों और आढ़तियों का सरकारी खरीद से इंकार - COTTON PURCHASE NOT HAPPENING

चरखी दादरी के किसानों और आढ़तियों का आरोप है कि जिले में कपास की सरकारी खरीद नहीं हो रही है.

allege Government cotton purchase not happening
चरखी दादरी के किसानों और आढ़तियों का आरोप (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 12, 2024, 8:32 AM IST

Updated : Dec 12, 2024, 10:43 AM IST

चरखी दादरी:जिले किसानों का आरोप है कि यहां कपास की सरकारी खरीद महज कागजों तक सीमित है. जिले की मंडियों में कपास की सरकार खरीद दिखाई नहीं दे रही है. हालांकि मार्केट कमेटी के अधिकारियों का दावा है कि जिले में कपास की सरकारी खरीद की जा रही है और करीब 1500 क्विंटल की खरीद भी गई है. दूसरी ओर चरखी दादरी आढ़ती एसोसिएशन के उप प्रधान राधेश्याम मित्तल ने कहा कि जिले में कपास की सरकारी खरीद नहीं हो रही है, जिससे आढ़तियों और किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. उन्होंने सरकार से चरखी दादरी जिले में कपास की खरीद शुरू करने की मांग की है. इसके अलावा किसानों ने भी सरकारी खरीद होने से इंकार किया है.

किसानों को कम दाम में बेचनी पड़ रही फसल:दरअसल चरखी दादरी जिले में खरीफ सीजन के दौरान मुख्य रूप से बाजरा, ग्वार और कपास की खेती की जाती है. खरीफ सीजन 2024 के दौरान जिले में करीब 45 हजार एकड़ में किसानों द्वारा कपास की बुआई की गई थी. गुलाबी सूंडी और मौसम की मार के कारण किसानों के मन मुताबिक कपास का उत्पादन नहीं हुआ. वहीं, दूसरी ओर किसानों की फसल भी एमएसपी के तहत नहीं खरीदी जाने के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है. किसान औने-पौने दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं.

हालांकि मार्केट कमेटी के अधिकारियों का दावा है कि कपास की सरकारी खरीद की जा रही है, लेकिन उनके दावे के अनुसार भी महज 1500 क्विंटल कपास ही खरीदी गई है, जो ऊंट के मुंह में जीरे जैसा है.

किसानों और आढ़तियों का खरीद कंपनियों पर आरोप (ETV Bharat)

किसानों का सरकार पर आरोप:जिले के किसान सतबीर फोगाट ने कहा कि जिले में सरकारी खरीद की हमें कोई जानकारी नहीं है. किसानों से सरकारी खरीद के तहत कोई कपास नहीं खरीदी गई है. किसानों का आरोप है कि बड़े आढ़तियों से कपास खरीदकर सीधे मिलों में भेजा जाता हो तो उन्हें पता नहीं, लेकिन मंडी में कपास खरीद अभी तक नहीं हुई है.

चरखी दादरी जिले में कपास की सरकारी खरीद की जा रही है. सीसीआई द्वारा 4 से 5 मिलों को खरीद की परमिशन दी गई है. जिले में अभी तक करीब 1500 क्विंटल कपास की खरीद जा चुकी है. -विकास कुमार, सह सचिव, चरखी दादरी मार्केट कमेटी

आढ़ती ने की सरकारी खरीद शुरू करने की मांग: इस बारे में चरखी दादरी आढ़ती एसोसिएशन के उप प्रधान राधेश्याम मित्तल ने कहा कि कई जिलों में कपास की खरीद हुई है, लेकिन चरखी दादरी जिले में अभी तक कपास की खरीद शुरू नहीं हो पाई है. इस कारण आढ़तियों और किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. चरखी दादरी जिले में कपास की अच्छी खासी पैदावर होती है. सीजन के समय प्रतिदिन 10 से 15 हजार क्विंटल और वर्तमान में भी प्रतिदिन करीब 1500 क्विंटल कपास लेकर किसान मंडी पहुंच रहे हैं, लेकिन सरकारी खरीद नहीं होने के कारण किसानों को उचित भाव नहीं मिल पा रहा है. इससे हमारे साथ ही किसानों को भी नुकसान हो रहा है.हमारी सरकार से मांग की है कि चरखी दादरी जिले में भी कपास की सरकारी खरीद शुरू की जाए.

इस पूरे मामले में जिले के मार्केट कमेटी के सह सचिव विकास कुमार का दावा है कि जिले में सीसीआई की ओर से 4-5 मिलों को परमिशन दी गई है. यहां सरकारी खरीद की जा रही है. वहीं, किसान और आढ़ती ये दावा कर रहे हैं कि यहां सरकारी खरीदी नहीं हुई है.

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Last Updated : Dec 12, 2024, 10:43 AM IST

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