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सीजीपीएससी घोटाला, 2 अफसर की गिरफ्तारी को राजभवन से मिली हरी झंडी, सीबीआई कभी भी कर सकती है अरेस्ट - CGPSC SCAM

सीजीपीएससी घोटाला में आरती वासनिक और चेतन बोरघरिया की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है.

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सीजीपीएससी घोटाला (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 22, 2025, 1:11 PM IST

Updated : Jan 23, 2025, 9:01 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पीएससी घोटाले मामले में सीबीआई जल्द ही बड़ी गिरफ्तारियां करेगी. सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि सरकार ने पीएससी की परीक्षा नियंत्रक और उप परीक्षा नियंत्रक को गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी है.

आरती वासनिक और चेतन बोरघरिया की जल्द हो सकती है गिरफ्तारी: पीएससी घोटाले मामले में पिछले महीने सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक की गिरफ्तारी की चर्चा थी, लेकिन बाद में पता चला कि सीबीआई पूछताछ के लिए उन्हें राजनांदगांव से लेकर रायपुर आई थी और बाद में उन्हें छोड़ दिया था. जानकारी मिली कि पूर्व परीक्षा नियंत्रण आरती वासनिक छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर है. वही चेतन बोरघरिया तत्कालीन मुख्यमंत्री के ओएसडी रहे हैं. इसलिए सीबीआई बिना सरकार की अनुमति मिले उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती थी.

सरकारी अफसरों की गिरफ्तारी के लिए सरकार की अनुमति जरूरी: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी को अधिकार है कि वह सरकार के बिना अनुमति लिए सरकारी कर्मचारी या फिर अधिकारी को गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन सीबीआई को यह अधिकार नहीं है. इसलिए सीबीआई ने आरती वासनिक और चेतन बोरघरिया की गिरफ्तारी के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी. इसके बाद यह फाइल राजभवन पहुंची. जहां राज्यपाल ने उनकी गिरफ्तारी का अनुमोदन कर दिया. इसके साथ ही इन दोनों अफसर की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है. राज्यपाल के अनुमोदन के बाद अब सीबीआई किसी भी समय आरती वासनिक और चेतन बोरघरिया को गिरफ्तार कर सकती है.

सीजीपीएससी परीक्षा पर्चा लीक करने का आरोप: सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में पर्चा लीक करने के मामले में दोनों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया है. सीबीआई के अनुसार पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के साथ मिलकर आरती वासनिक ने पीएससी का पेपर टामन सिंह सोनवानी के परिजनों को मुहैया कराया. साथ ही अन्य लोगों से बड़ी रकम लेकर उन्हें यह पेपर बेच दिया.

बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में साल 2021 में पीएससी परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसका परिणाम साल 2023 में घोषित किया गया. इसमें सोनवानी के रिश्तेदारों के साथ ही कई नेता और अफसर के बेटे बेटियों और रिश्तेदार डिप्टी कलेक्टर के लिए सिलेक्ट हो गए. इसके बाद मामला तूल पकड़ा. इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में पीआईएल लगाई. जिस पर चीफ जस्टिस के ने तगड़ा स्टैंड लेते हुए न केवल तीखी टिप्पणियां की, बल्कि डिप्टी कलेक्टर्स की जॉइनिंग रोकने के आदेश भी दे दिए.

इसके बाद दिसंबर 2023 में सरकार बदली और भाजपा सत्ता पर काबिज हुई. भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पीएससी घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए और अभी तक पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, उद्योगपति श्रवण गोयल और कई डिप्टी कलेक्टर डीएसपी गिरफ्तार हो चुके हैं.

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Last Updated : Jan 23, 2025, 9:01 AM IST

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