बीजापुर: बीजापुर के स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में तेजी से कार्रवाई हो रही है. मंगलवार को छत्तीसगढ़ PWD विभाग ने मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर पर एक्शन लिया था. सुरेश चंद्राकर के ठेकेदार वाले लाइसेंस को निलंबित किया गया. उसके बाद सुरेश चंद्राकर को मिले सारे टेंडर को रद्द कर दिया गया. बुधवार को इस केस में मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर और उसके तीन अन्य साथियों को बीजापुर पुलिस ने बीजापुर कोर्ट में पेश किया.
सुरेश चंद्राकर को ज्यूडिशियल कस्टडी: पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को बीजापुर अदालत ने ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया. इसके अलावा तीन और अन्य आरोपियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया है. पुलिस ने आरोपियों की पुलिस रिमांड मांगी थी. जिसे कोर्ट ने नहीं माना और चारों आरोपियों को ज्यूडिशियल कस्टडी में दंतेवाड़ा जेल भेज दिया. कोर्ट ने इस केस में सुनवाई की अगली तारीख 21 जनवरी तय की है. इस तरह सभी चारों आरोपी 14 दिनों तक जेल में रहेंगे. इससे पहले सुरेश चंद्राकर को बीजापुर पुलिस ने सोमवार 6 जनवरी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.
मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में तेज कार्रवाई (ETV BHARAT)
मुकेश चंद्राकर मर्डर केस, कोर्ट में हुई सुनवाई
मुकेश चंद्राकर हत्या में मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को अदालत में पेश किया गया.
पुलिस ने अदालत में सुरेश चंद्राकर की रिमांड मांगी
अदालत ने रिमांड नहीं दी, तीन अन्य आरोपियों को जेल भेजा.
कोर्ट ने सुरेश चंद्राकर को भी जेल भेज दिया.
सुरेश चंद्राकर को दंतेवाड़ा जेल भेजा गया, उसके तीन अन्य साथियों को भी जेल भेजा गया.
मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में एसआईटी जांच तेज: मुकेश चंद्राकर मर्डर केस की जांच एसआईटी कर रही है. बुधवार को टीम ने सुरेश चंद्राकर के फॉर्म हाउस नामक बाड़े में जाकर जांच की. यही बाड़ा इस केस का क्राइम लोकेशन है. यहां मंगलवार को भी एसआईटी टीम पहुंची थी. क्राइम सीन का रीक्रिएशन किया गया था. उसके बाद बुधवार को एसआईटी टीम ने बाड़े के उस कमरे का मुआयना किया जहां मुकेश चंद्राकर की हत्या की गई थी. ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के जिस बाड़े में मुकेश की हत्या की गई, उस बाड़े में 17 कमरे बने हुए हैं. जिसमें 11 नम्बर के कमरे में मुकेश की हत्या कर शव को सैप्टिक टैंक में डाल दिया गया था. पुलिस ने इस बाड़े के 11 नंबर कमरे को सील कर दिया है. यहां पर पुलिस फोर्स की तैनाती भी की गई है.
पुलिस को नहीं मिला मुकेश चंद्राकर का मोबाइल: बीजापुर पुलिस की एसआईटी टीम को पत्रकार मुकेश चंद्राकर का मोबाइल नहीं मिला है. बुधवार को एसआईटी ने मुकेश चंद्राकर के मोबाइल की तलाश की. जिस सेप्टिक टैंक से मुकेश चंद्राकर की लाश मिली थी. उस टैंक के ऊपरी पलस्तर और स्लैब को पुलिस ने तुड़वाया. उसके बाद टैंक की सफाई कराई. जिससे मोबाइल की तलाश पूरी हो सके. सफाई के बाद भी पुलिस को मुकेश चंद्राकर का मोबाइल नहीं मिला है.
मुकेश चंद्राकर मर्डर केस, एसआईटी की तफ्तीश तेज
एसआईटी की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया
एसआईटी की टीम ने साक्ष्य को जुटाया
जिस कमरे में हत्या हुई थी उस कमरे को सील किया गया
सुरेश चंद्राकर के अतिक्रमण किए हुए बाड़े में 17 कमरे हैं
11 नंबर के कमरे में मुकेश चंद्रकार की हत्या की गई थी.
इसी कमरे के बाहर बने सेप्टिक टैंक में मुकेश चंद्राकर की लाश डाली गई थी.
मुकेश चंद्राकर का मोबाइल पुलिस को अब तक नहीं मिला
सेप्टिक टैंक की पूरी साफ सफाई की गई. टैंक को खोला गया
टैंक से भी मुकेश चंद्राकर का मोबाइल नहीं मिला
आरोपियों ने मुकेश का मोबाइल फोन तुमनार नदी में फेंक दिया. इसकी तलाश के लिए गोताखोरों को लगाया गया, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. हम सेप्टिक टैंक से जुड़े नाले की भी तलाशी ले रहे हैं, जहां शव मिला था.अभी तक हमने 200 से अधिक कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और सीसीटीवी फुटेज की जांच की है. हम एक मजबूत चार्जशीट दाखिल करना चाहते हैं.-एसआईटी के सदस्य
कब हुई थी मुकेश चंद्राकर की हत्या?: 1 जनवरी 2025 को बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी. उसके बाद उसके शव को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े में बने सेप्टिक टैंक में डाल दिया गया था. मुकेश चंद्राकर के भाई युकेश चंद्राकर ने मीडिया को बताया है कि एक जनवरी को मुकेश चंद्राकर लापता हो गए थे. उसके बाद से वह नहीं मिल रहे थे. उन्होंने पुलिस में शिकायत की थी. जिसके बाद मुकेश चंद्राकर के आखिरी मोबाइल लोकेशन के आधार पर सुरेश चंद्राकर के बाड़े में पुलिस ने दबिश दी और तीन जनवरी को सुरेश चंद्राकर के सेप्टिक टैंक से मुकेश चंद्राकर की लाश बरामद हुई. तीन जनवरी को सुरेश चंद्राकर के दो भाई रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर समेत एक सुपरवाइज़र महेंद्र रामटेके पर पुलिस ने शिकंजा कसा. उन्हें गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद सुरेश चंद्राकर का भी पुलिस को सुराग मिला.
सड़क भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला: पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि यह पूरा मामला सड़क निर्माण के भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. दूसरी तरफ मुकेश चंद्राकर के भाई युकेश चंद्राकर का दावा है कि मुकेश चंद्राकर ने एक निजी न्यूज चैनल पर दिसंबर 2024 के महीने में एक सड़क के भ्रष्टाचार की खबर दिखाई थी. इस सड़क निर्माण का संबंध ठेकेदार सुरेश चंद्राकर से था. इस केस में राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए थे. जिससे सुरेश चंद्राकर, मुकेश चंद्राकर से नाराज चल रहे थे. इस वजह से उसने मुकेश चंद्राकर को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. युकेश चंद्राकर ने दावा किया है कि आरोपी सुरेश चंद्राकर एक जनवरी को मुकेश चंद्राकर से मिलने वाले थे. इसी दिन से मुकेश चंद्राकर लापता हुए थे. जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में एक जनवरी को की और 3 जनवरी को मुकेश चंद्राकर की लाश सुरेश चंद्राकर के बाड़े यानि की फॉर्म हाउस से मिली.
कौन हैं मुकेश चंद्राकर?: मुकेश चंद्राकर बस्तर के युवा पत्रकार थे. वह बीजापुर में रहते थे और बीजापुर से पत्रकारिता करते थे. उनकी गिनती बस्तर के तेज तर्रार पत्रकारों में होती थी. वह अपना लोकल यूट्यूब न्यूज चैनल बस्तर जंक्शन चलाते थे और एक निजी नेशनल न्यूज चैनल के लिए कार्य करते थे. मुकेश चंद्राकर लगातार कई ज्वलंत मुद्दों पर रिपोर्टिंग करते थे. हाल में उन्होंने एक सड़क से जुड़ी खबर दिखाई थी. जिसके बाद वह ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के निशाने पर आए.
कौन हैं सुरेश चंद्राकर?: सुरेश चंद्राकर बस्तर के नामी ठेकेदारों में से एक हैं. वह सड़क निर्माण और भवन निर्माण का कार्य करते हैं. वह छत्तीसगढ़ में A क्लास ठेकेदार के तौर पर निर्माण से जुड़े ठेके को पूरा करने का काम करते थे. बीजापुर में मीरतुर से हीरोलीं पुसनार तक सड़क का निर्माण चल रहा है. यह करीब 120 करोड़ की सड़क बताई जा रही है. इसका निर्माण सुरेश चंद्राकर करवा रहे हैं. इस सड़क के निर्माण से जुड़ी खबर में भ्रष्टाचार का आरोप मुकेश चंद्राकर ने लगाया था. इससे जुड़ी खबर नेशनल चैनल में उन्होंने रिपोर्ट के तौर पर दिखाई थी. अपने यूट्यूब चैनल में भी उन्होंने इस सड़क की रिपोर्टिंग की थी. जिससे सुरेश चंद्राकर के नाराज होने की खबर आई थी. जिसके बाद सुरेश चंद्राकर और मुकेश चंद्राकर में और दुश्मनी बढ़ी.