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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, डॉक्टर पर हिंसा हुई तो 6 घंटे के अंदर दर्ज करानी होगी FIR - FIR over violence against doctors

FIR over violence against doctors: कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई तोड़फोड़ के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी मेडिकल संस्थानों को आदेश जारी कर कहा कि अगर संस्थान पर हमले होते हैं तो 6 घंटे के भीतर संस्थान प्रमुख FIR दर्ज करवाएं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 16, 2024, 4:55 PM IST

नई दिल्ली: कोलकाता के आईजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्‍कर्म-मर्डर मामले के बाद देशभर के अस्‍पतालों में डॉक्टर्स की तरफ से अपनी सुरक्षा को लेकर आवाज उठायी जा रही है. साथ ही इस मामले की पीड़‍िता को जल्‍द से जल्‍द न्‍याय द‍िलाने की गुहार भी लगाई जा रही है. अस्‍पतालों में ऑन ड्यूटी डॉक्‍टरों व हेल्‍थवर्कर स्‍टॉफ पर हमले, ह‍िंसा की बढ़ती वारदातों पर अब केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने गंभीर संज्ञान ल‍िया है. डीजीएचएस डॉ. अम‍ित गोयल की तरफ से एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी क‍िया गया है, ज‍िसमें इस तरह की घटना पर 6 घंटे के भीतर इंस्‍टीट्यूशन एफआईआर कराना अस्‍पताल की ज‍िम्‍मेदारी होगी.

डीजीएचएस की ओर से शुक्रवार को जारी ऑफिस मेमोरेंडम में स्पष्ट किया गया है कि हाल में डॉक्टर्स और अन्य हेल्थ केयर स्‍टॉफ जो सरकारी अस्पतालों में कार्यरत हैं, उन पर ड्यूटी के दौरान हिंसा करने की घटनाएं लगातार सामने आई है. हेल्थ वर्कर को ड्यूटी के दौरान फिजिकल हिंसा का भी शिकार होना पड़ा है. कई मामले ऐसे सामने आए हैं क‍ि उनको धमकियां और मौखिक तौर पर धमकाने का काम भी क‍िया गया, ज‍िसकी कई घटनाएं आई हैं. अधिकांश हिंसा के मामलों में मरीज या फ‍ि‍र मरीज के अटेंडेंट की तरफ से ऐसी घटनाओं को अंजाम द‍िया जा रहा है.

6 घंटे के भीतर दर्ज करवानी होगी एफआईआरःइस तरह के सभी मामलों को देखते हुए यह निर्देश दिए गए हैं कि हेल्थ केयर वर्कर पर ड्यूटी के दौरान किसी भी तरह की हिंसा होती है तो इसके खिलाफ इंस्टीट्यूशन के प्रमुख की जिम्मेदारी बनती है कि वह घटना के 6 घंटे के भीतर संस्थागत एफआईआर दर्ज करवाएं. केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की ओर से जारी इस आदेश के प्रति सेंट्रल गवर्नमेंट अस्पतालों और इंस्टिट्यूट के निदेशक, चिकित्सा अधीक्षकों के अलावा द‍िल्‍ली व अन्‍य एम्स के न‍िदेशक और सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल्स को भी भेज दी गई है.

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सेफ वर्क एनवायरमेंट' को लेकर एडवाइजरीःगौरतलब है क‍ि गत 14 अगस्‍त को भी डीजीएचएच की डीडीजी (पी) डॉ. अमिता बाली वोहरा की ओर से दिल्ली में स्‍थ‍ित सेंट्रल गवर्नमेंट अस्पतालों में 'सेफ वर्क एनवायरमेंट' को लेकर एक एडवाइजरी जारी की गई थी. इसमें मेड‍िकल स्‍टॉफ पर हमलों के प्रत‍ि च‍िंता जताते हुए कहा था क‍ि हाल ही में देखा गया है कि सरकारी अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हिंसा के मामले बहुत आम हो गए हैं. कई हेल्थ वर्कर अपने करियर में किसी न किसी समय शारीरिक हिंसा के शिकार हो रहे हैं. कई और लोगों को अलग-अलग तरह से धमकाया भी जा रहा है या फिर मौखिक तरह से उनके प्रति आक्रामकता दिखाई जा रही है, जिसका वह लगातार सामना कर रहे हैं.

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इसमें कहा गया था क‍ि यह बेहद जरूरी है कि हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए सक्रिय उपाय किए जाएं. एडवाइजरी में सभी केंद्रीय सरकारी अस्पतालों को ऐसी सभी घटनाओं की एक रजिस्ट्री बनाने की सलाह भी दी थी. साथ ही ऐसी किसी भी घटना को तुरंत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के जरिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संज्ञान में लाने के सख्‍त न‍िर्देश द‍िए थे. बुधवार को जो एडवाइजरी जारी की गई थी वो दिल्ली के केंद्रीय अस्पतालों को लेकर हुई थी. खासकर सफदरजंग अस्पताल, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल, निदेशक लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और निदेशक आरएचटीसी के ल‍िए न‍िर्देश जारी हुई थी.

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