नई दिल्ली: कोलकाता के आईजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म-मर्डर मामले के बाद देशभर के अस्पतालों में डॉक्टर्स की तरफ से अपनी सुरक्षा को लेकर आवाज उठायी जा रही है. साथ ही इस मामले की पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की गुहार भी लगाई जा रही है. अस्पतालों में ऑन ड्यूटी डॉक्टरों व हेल्थवर्कर स्टॉफ पर हमले, हिंसा की बढ़ती वारदातों पर अब केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने गंभीर संज्ञान लिया है. डीजीएचएस डॉ. अमित गोयल की तरफ से एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया गया है, जिसमें इस तरह की घटना पर 6 घंटे के भीतर इंस्टीट्यूशन एफआईआर कराना अस्पताल की जिम्मेदारी होगी.
डीजीएचएस की ओर से शुक्रवार को जारी ऑफिस मेमोरेंडम में स्पष्ट किया गया है कि हाल में डॉक्टर्स और अन्य हेल्थ केयर स्टॉफ जो सरकारी अस्पतालों में कार्यरत हैं, उन पर ड्यूटी के दौरान हिंसा करने की घटनाएं लगातार सामने आई है. हेल्थ वर्कर को ड्यूटी के दौरान फिजिकल हिंसा का भी शिकार होना पड़ा है. कई मामले ऐसे सामने आए हैं कि उनको धमकियां और मौखिक तौर पर धमकाने का काम भी किया गया, जिसकी कई घटनाएं आई हैं. अधिकांश हिंसा के मामलों में मरीज या फिर मरीज के अटेंडेंट की तरफ से ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.
6 घंटे के भीतर दर्ज करवानी होगी एफआईआरःइस तरह के सभी मामलों को देखते हुए यह निर्देश दिए गए हैं कि हेल्थ केयर वर्कर पर ड्यूटी के दौरान किसी भी तरह की हिंसा होती है तो इसके खिलाफ इंस्टीट्यूशन के प्रमुख की जिम्मेदारी बनती है कि वह घटना के 6 घंटे के भीतर संस्थागत एफआईआर दर्ज करवाएं. केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की ओर से जारी इस आदेश के प्रति सेंट्रल गवर्नमेंट अस्पतालों और इंस्टिट्यूट के निदेशक, चिकित्सा अधीक्षकों के अलावा दिल्ली व अन्य एम्स के निदेशक और सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल्स को भी भेज दी गई है.