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केन-बेतवा लिंक परियोजना के रकबा बढ़ाने को मंजूरी, 90 हजार की जगह 2.50 लाख हेक्टेयर में होगी सिंचाई - Ken Betwa Link Project Area

मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की. जहां केन बेतवा लिंक परियोजना को लेकर चर्चा की गई. इस मुलाकात में केन बेतवा परियोजना के तहत सिंचाई का रकबा बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है.

KEN BETWA LINK PROJECT AREA
केन-बेतवा लिंक परियोजना के रकबा बढ़ाने को मंजूरी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 30, 2024, 7:55 PM IST

भोपाल: केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत प्रस्तावित सिंचाई का रकबा बढ़ाया जाएगा. इसके लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. बता दें कि इस परियोजना के तहत सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए गुरुवार को एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने केन बेतवा लिंक परियोजना से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री पाटिल ने सीएम यादव को उनके दिए गए प्रस्ताव को पूरा करने के लिए आश्वस्त किया था.

प्रदेश को मिलेंगे 1150 करोड़ रुपये

दरअसल केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत पहले सिंचाई के लिए 90,100 हेक्टेयर रकबा निर्धारित था, लेकिन अब इस परियोजना में सिंचाई का रकबा 2.50 लाख हेक्टेयर किया गया है. सीएम मोहन यादव ने दौधन बांध और लिंक नहर के भू-अर्जन और पुर्नविस्थापन के लिए भी केंद्र से मांग की थी. इस मामले में केंद्रीय मंत्री पाटिल ने जल्द ही 1150 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का आश्वासन दिया है.

क्या है केन-बेतवा लिंक परियोजना

केन-बेतवा लिंक परियोजना का 2005 में शुभारंभ हुआ. जिसमें 231.45 लम्बी नदी को नहरों से जोड़ा जाएगा. इस परियोजना से लाभान्वित जिले टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना और झांसी हैं. इसी परियोजना के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व प्रभावित हो रहा है. अटलजी के कार्यकाल में जब देश की 37 नदियों को आपस में जोड़ने का फैसला लिया गया, उनमें से एक यह भी थी. देश की इन 37 नदियों को आपस में जोड़ने पर 5 लाख 60 हजार करोड़ रुपए व्यय होने का अनुमान लगाया गया था. हालांकि रकबा बढ़ने के बाद इसकी लागत भी बढ़ना तय है.

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परियोजना का पन्ना टाइगर रिजर्व पर पड़ेगा असर

एक तरफ तो इस परियोजना की चारों तरफ तारीफ हो रही है, लेकिन इसका दूसरा भी पक्ष है. सूत्र बताते हैं कि परियोजना के बन जाने के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया का 25 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित हो रहा है. जिसमें पन्ना टाइगर रिजर्व में विचरण कर रहे लाखों वन्य प्राणी प्रभावित होंगे और बढ़ते बाघों के कुनबे पर भी फर्क पड़ेगा. जानकार बताते हैं कि इस परियोजना में पन्ना टाइगर रिजर्व के लगभग 21 लाख पेड़ों को काटा जाएगा. क्षेत्रफल की दृष्टि से यह परियोजना का 75 प्रतिशत हिस्सा पन्ना में होगा, लेकिन इसका लाभ पन्ना को नहीं मिल रहा है. इस परियोजना के कारण पन्ना के दर्जनों गांव विस्थापित हो रहे हैं.

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